आमतौर पर बड़े टेक्नोलॉजी दिग्गजों की राय तकनीकी क्षेत्र में बेहद मददगार साबित होती है। भारत में जन्मे गूगल के और अल्फाबेट के CEO सुंदर पिचाई (Sundar Pichai ) ने अपनी कुछ तकनीकी आदतों (tech habits) के बारे में जानकारी दी है। जिसमें बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम, कब और कितनी जल्दी पासवर्ड बदलना और कितने मोबाइल फोन यूज करते हैं। जैसी तमाम जानकारी दी है।
BBC को को दिए गए एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या वो अपने बच्चों को Youtube वीडियो ब्राउज करने की अनुमति देंगे तो उन्होंने कहा कि कि हां वो ऐसा करेंगे। उन्हने आगे कहा कि नई पीढ़ी को टेक्नोलॉजी सीखना और जिम्मेदार रहना जरूरी है। आगे चलकर यह हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होने वाला है।
जब उनसे पूछा गया कि वो अपने बच्चों को कितनी देर स्क्रीन पर रहने की अनुमति देते हैं? तो उन्होंने कहा कि वो अपने बच्चों को खुद अपनी सीमाएं बनाने की स्वतंत्रता और प्रोत्साहन देते हैं। इसको मैं व्यक्तिगत दायित्व की तरह समझता हूं। जिस पर व्यक्ति का निर्णय होना चाहिए।
जब उनसे यह पूछा गया कि बच्चों को टेक के साइड इफेक्ट्स क्या हैं, तो पिचाई ने कहा कि अगर हम अपने इतिहास पर नजर डालें तो हमें अक्सर टेक्नोलॉजी को लेकर डराया गया है।
जब उनसे पूछा गया कि वो अपना पासवर्ड कितनी बार बदलते हैं तो उन्होंने कहा कि वो अपना पासवर्ड बार-बार नहीं बदलते हैं। उन्होंने पासवर्ड के बारे में two-factor authentication अपनाने की सलाह दी है। इससे कई सुरक्षाएं मिलती हैं।
जब उनसे पूछा गया कि आप कितने फोन का इस्तेमाल करते हैं तो उन्होंने कहा कि एक बार में 20 से ज्यादा फोन का इस्तेमाल अलग-अलग काम के लिए करते हैं। मैं लगातार फोन बदल देता हूं और नए फोन को अजमा रहा हूम और मैं इनकी हमेशा टेस्टिंग करता रहता हूं।
जब उनसे Artificial intelligence के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनका यह मानना है कि यह टेक्नोलॉजी मानव द्वारा बनाई गई सबसे महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी है। इसकी तुलना बिजली या इंटरनेट जैसे अविष्कारों से की जा सकती है। लेकिन कभी कभी यह लगता है ये इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।