Liver: फैटी लिवर से जुड़ी इन 3 अफवाहों को कहीं आप भी तो नहीं मानते सच? हार्वर्ड के डॉक्टर ने बताई सच्चाई

Fatty Liver: डॉ. सेठी के अनुसार, ओग अक्सर सोचते हैं कि ज्यादा फैट या तेल वाला खाना खाने से फैटी लिवर होता है, लेकिन यह सच नहीं है। फैटी लिवर का असली कारण जरूरत से ज्यादा मीठी चीजें खाना, खासकर जिनमें फ्रुक्टोज ज्यादा हो, और अनहेल्दी तेल का सेवन करना है

अपडेटेड Sep 08, 2025 पर 4:20 PM
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डॉ. सेठी के अनुसार, शरीर के वजन में सिर्फ 3-5% की कमी भी लिवर के फैट को काफी कम कर सकती है

Fatty Liver Myths: आजकल फैटी लिवर की समस्या बहुत तेजी से फैल रही है, जिससे दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हैं। इस बीमारी को लेकर लोगों में कई तरह की गलत धारणाएं हैं, जो भ्रम पैदा करती हैं। इसी बारे में हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से पढ़े गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने फैटी लिवर से जुड़े 3 सबसे बड़े अफवाहों से पर्दा उठाया है। आइए आपको बताते हैं।

पहला मिथक: फैटी लिवर ज्यादा फैट खाने से होता है।

लोग अक्सर सोचते हैं कि ज्यादा फैट या तेल वाला खाना खाने से फैटी लिवर होता है। लेकिन यह सच नहीं है। डॉ. सेठी के अनुसार, फैटी लिवर का असली कारण जरूरत से ज्यादा मीठी चीजें खाना, खासकर जिनमें फ्रुक्टोज ज्यादा हो, और अनहेल्दी तेल का सेवन करना है। इसके उलट, जैतून का तेल, एवोकाडो और मेवे जैसी चीजों से मिलने वाला हेल्दी फैट लिवर के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए, फैट से दूर भागने की बजाय, अपनी डाइट से मीठी चीजों और खराब तेल को बाहर निकालना ज्यादा जरूरी है। एक संतुलित डाइट, जिसमें हेल्दी फैट हो, लिवर को ठीक से काम करने में मदद करती है।


दूसरा मिथक: फैटी लिवर एक मामूली बीमारी है।

यह मानना पूरी तरह से गलत है कि फैटी लिवर एक छोटी-मोटी बीमारी है और इसे इलाज की जरूरत नहीं है। डॉ. सेठी बताते हैं कि फैटी लिवर का पता तब तक नहीं चलता जब तक यह लिवर को बहुत ज्यादा नुकसान न पहुंचा दे। अगर लिवर के वजन का 5% से ज्यादा हिस्सा फैट के रूप में जमा हो जाए, तो इससे सूजन और लिवर पर घाव हो सकते हैं। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह धीरे-धीरे लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी जानलेवा बीमारियों का रूप ले सकता है। चूंकि इसके शुरुआती लक्षण नहीं दिखते, इसलिए समय पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।

तीसरा मिथक: सप्लीमेंट्स ही फैटी लिवर का इलाज हैं।

कई लोगों को लगता है कि फैटी लिवर के इलाज के लिए सिर्फ सप्लीमेंट्स लेना ही काफी है, लेकिन यह भी सही नहीं है। डॉ. सेठी के अनुसार, इस बीमारी का सबसे अच्छा इलाज सही डाइट और एक्सरसाइज है। कुछ सप्लीमेंट्स जैसे मिल्क थिसल, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ई लिवर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन ये सिर्फ एक सहायक इलाज हैं। ये अकेले काम नहीं करते। सप्लीमेंट्स हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लेने चाहिए, क्योंकि इनके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।

कैसे करें फैटी लिवर से बचाव?

डॉ. सेठी के मुताबिक, कुछ आसान आदतों को अपनाकर फैटी लिवर से बचा जा सकता है:

हेल्दी खाना: अपनी डाइट में फल, सब्जियां और साबुत अनाज को ज्यादा शामिल करें। साथ ही, जैतून का तेल, मेवे और मछली से मिलने वाले हेल्दी फैट का सेवन करें।

रेगुलर व्यायाम: हर दिन कम से कम 30 मिनट तक टहलना, साइकिल चलाना या तैरना जैसी एक्सरसाइज जरूर करें।

वजन कंट्रोल: शरीर के वजन में सिर्फ 3-5% की कमी भी लिवर के फैट को काफी कम कर सकती है।

नियमित चेकअप: अगर आपको मोटापा, डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं हैं, तो समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहें।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है और इसे किसी भी तरह की मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: Sep 08, 2025 4:14 PM

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