Ayushman Bharat Scheme: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान योजना) को लागू कर दिया है। आयुष्मान योजना के तहत सरकार की ओर से 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है। दिल्ली इस स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने वाला 35वां राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बन गया। पश्चिम बंगाल अब एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने इस योजना को लागू नहीं किया है। आयुष्मान भारत योजना मुफ्त और कैशलेस इलाज प्रदान करती है।
इस योजना के तहत दिल्ली में पात्र परिवारों को 10 लाख रुपये तक का वार्षिक स्वास्थ्य कवर मिलेगा। इसमें से पांच लाख रुपये केंद्र और शेष पांच लाख रुपये दिल्ली सरकार प्रदान करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसे सिर्फ बीमा योजना नहीं बल्कि आश्वासन योजना करार दिया और कहा कि ये विश्वास पर आधारित है।
कई बार लोग आर्थिक तंगी के चलते बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। इसी को देखते हुए मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। हालांकि, कई बीमारियां ऐसी हैं जिनका इलाज आयु्ष्मान भारत कार्ड के तहत नहीं किया जाता है। कई बार अस्पताल लाभार्थियों को इलाज करने से इनकार कर देते हैं। इसलिए आप अस्पताल जाने से पहले पूरी लिस्ट की जांच कर लें कि आखिर कौन-कौन बीमारियां इस योजना में शामिल हैं। इससे आपको आगे दिक्कत नहीं होगी।
क्या है आयुष्मान भारत स्कीम?
आयुष्मान भारत एक क्रांतिकारी स्वास्थ्य सेवा योजना है जिसे भारत सरकार ने 2018 में लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को इलाज के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। देश भर में 10 करोड़ से अधिक परिवारों को कवर करने वाली इस योजना का उद्देश्य लाभार्थियों को फ्री स्वास्थ्य सेवा लाभ प्रदान करना है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी अस्पताल में भर्ती होने, डेकेयर प्रक्रियाओं और सर्जरी जैसी विभिन्न मेडिकल सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। योजना में पहले से मौजूद बीमारियों और गंभीर बीमारियों को भी शामिल किया गया है। लाभार्थी देश भर में किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में इन मेडिकल सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
इन बीमारियों का नहीं होता इलाज
अगर आप आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले निजी अस्पताल की OPD में इलाज के लिए जाते हैं, तो इसका बिल भी आपको ही को चुकाना पड़ेगा। इसके अलावा अगर ऐसी कोई बीमारी है, जिसके लिए आपको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। और उसका इलाज OPD में ही हो सकता है, तो इसके लिए योजना के तहत कवर नहीं मिलेगा।
अगर अस्पताल में भर्ती होने से पहले लाभर्थियों ने डॉक्टर के कहने पर कुछ जरूरी टेस्ट कराए और अस्पताल से छुट्टी होने के बाद भी दवाइयों पर खर्च हुआ है तो वो आयुष्मान योजना के तहत कवर मिलेगा। लेकिन बिना अस्पताल में भर्ती हुए सिर्फ टेस्ट कराने के लिए जो खर्च आएगा, उसका पैसा आपको खुद देना पड़ेगा। हालांकि, केंद्र सरकार इसे भी कवर करने पर विचार-विमर्श कर रही है।