चीकू जिसे अंग्रेजी में सपोटा कहा जाता है, स्वाद और सेहत दोनों के लिहाज से एक बेहद पसंदीदा फल है। गर्मी के मौसम में इसकी मिठास और ठंडक शरीर को राहत देती है, वहीं इसमें मौजूद फाइबर, विटामिन्स, मिनरल्स और प्राकृतिक शुगर शरीर को ऊर्जा देने का काम करते हैं। ये न सिर्फ इम्युनिटी को मजबूत करता है बल्कि पाचन को सुधारने में भी सहायक होता है। लेकिन हर किसी के लिए चीकू का सेवन उतना फायदेमंद नहीं होता। डाइटिशियन बताते हैं कि कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों में इसका ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
चीकू में मौजूद कुछ प्राकृतिक यौगिक जैसे टैनिन और लेटेक्स कुछ लोगों में एलर्जी या पाचन संबंधी समस्या पैदा कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि चीकू का सेवन सोच-समझकर और सीमित मात्रा में किया जाए। आइए जानें किन लोगों को इस स्वादिष्ट फल से दूरी बनानी चाहिए और क्यों।
चीकू में मौजूद फाइबर पाचन में मदद करता है, लेकिन यदि आपकी पाचन क्रिया पहले से ही कमजोर है तो इसका अधिक सेवन उल्टा असर डाल सकता है। ज्यादा फाइबर पेट पर दबाव डालता है, जिससे गैस, भारीपन और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
चीकू में प्राकृतिक शक्कर और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है। लगभग 100 ग्राम चीकू में 83 कैलोरी होती हैं। अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं या मोटापे से जूझ रहे हैं, तो चीकू का सीमित मात्रा में सेवन ही करें। अधिक खाने से वज़न तेजी से बढ़ सकता है।
चीकू में टैनिन और लेटेक्स जैसे यौगिक पाए जाते हैं, जो एलर्जी का कारण बन सकते हैं। कुछ लोगों में इसके सेवन से गले में सूजन, त्वचा पर चकत्ते या खुजली जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जिन्हें लेटेक्स से एलर्जी है, उन्हें चीकू से भी परहेज करना चाहिए।
चीकू को वर्कआउट से पहले या बाद में एनर्जी बूस्टर के रूप में लिया जा सकता है, लेकिन दिनभर में इसकी मात्रा नियंत्रित रखें। अधिक सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं और वजन संबंधी जोखिम बढ़ सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।