Diabetes: डायबिटीज की बीमारी को काबू में रखने के लिए मरीजों को दवाइयों के साथ ही अपने खानपान को लेकर भी सख्त रहना पड़ता है। उन्हें कौन सी चीजें खानी हैं। कौन सी नहीं, इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है। इस बीमारी में थोड़ी सी लापरवाही भी ब्लड शुगर बढ़ने का कारण बन सकती है। ऐसे में लोग अक्सर सवाल करते रहते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए अपनी डाइट में किन चीजों को शामिल करना चाहिए। आयुर्वेद के डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज से पीड़ित मरीजों कई साल पुराने अनाज का सेवन करना चाहिए। इसमें मोटे अनाज (मिलेट्स) को जरूर शामिल करें।
डायबिटीज के मरीजों को उन चीजों को अपनी डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए। जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा हो। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों के लिए गेहूं की जगह बाजरा, ज्वार, रागी, का ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
एक साल पुराने अनाज को डाइट में करें शामिल
R. V. आयुर्वेद अस्पताल मुंबई के डॉक्टर अव्हाड गोरक्षनाथ (Dr. Avhad Gorakshnath) का कहना है कि डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को पुराने अनाजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। जैसे जौ, ज्वार, बाजरा ये सभी मोटे अनाज का सेवन कर सकते हैं। लेकिन ये एक साल पुराने हों तो बेहतर है। इससे पाचन शक्ति में ज्यादा सुधार होता है। आमतौर पर लोग बाजार से ये सब चीजें खरीद लेते हैं। वो ये नहीं देखते हैं कि यह पुराना है नई फसल है। लिहाजा पुराने अनाजों को खरीदने में ही वरीयता देनी चाहिए। अगर आप नए अनाज खरीद रहे हैं तो फिर उन्हें भूनकर ही सेवन करना चाहिए। अगर एक साल या दो साल पुराना अनाज तो इससे पाचन शक्ति बढ़ती है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
बाजार एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो किसी भी दुकान पर आसानी से मिल जाता है। कई लोगों को इसके आटे की रोटी काफी पसंद होती है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। लिहाजा डायबिटीज के मरीजों के लिए यह किसी रामबाण से कम नहीं है।
ज्वार के आटे में ग्लूटेन फ्री होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर हाई होता है। ज्वार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है। इसी वजह से यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है।
डिस्क्लेमर – घरेलू उपचार डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन यह तय दवाइयां या बैलेंस लाइफ स्टाइल का विकल्प नहीं है। नए उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।