तपती गर्मी में बढ़ रहा है 'आई स्ट्रोक' का खतरा! डॉक्टर से जानें कैसे आपनी आंखों का रखें ख्याल

हीट स्ट्रोक के खतरे के बीच ये आई स्ट्रोक क्या है, इससे कैसे बचाव किया जा सकता है? और तपती गर्मी में आखिर कैसे अपनी आंखों का ख्याल रखा जाए? वो बता रहे हैं आपको जगत फार्मा और बसु आई हॉस्पिटल के फाउंडर डॉ. महेंदर सिंह बसु...

अपडेटेड Jun 26, 2024 पर 5:00 AM
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डॉ. महेंदर सिंह बसु से जानें गर्मी में कैसे आपनी आंखों का रखें ख्याल

इस बार गर्मी पिछले कुछ सालों के मुकाबाले काफी ज्यादा है। जैसे-जैसे देशभर में तापमान बढ़ रहा है, ऐसे में तेज होती गर्मी और लू भी स्वास्थ्य से जुड़ी कई चिंताएं पैदा कर रही हैं। इस झुलसा देने वाली गर्मी में आंखों से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में कई डॉक्टर और मेडिकल एक्सपर्ट इसे लिए चेतावनियां भी जारी कर रहे हैं और 'आई स्ट्रोक' नाम की एक चिंताजनक बीमारी से सभी को सचेत कर रहे हैं।

हीट स्ट्रोक के खतरे के बीच ये आई स्ट्रोक क्या है, इससे कैसे बचाव किया जा सकता है? और तपती गर्मी में आखिर कैसे अपनी आंखों का ख्याल रखा जाए? वो बता रहे हैं आपको जगत फार्मा और बसु आई हॉस्पिटल के फाउंडर डॉ. महेंदर सिंह बसु...

आई स्ट्रोक क्या है ?


पिछले कई दिनों से भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर हो गया था, जिसकी वजह से आई स्ट्रोक के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इस स्थिति को 'इस्केमिक ऑप्टिक न्यूरोपैथी' कहा जाता है, जिसमे ऑप्टिक नर्व की ब्लड की सप्लाई रुक जाती है, जिसकी वजह से विजन लॉस और आंखों में सूजन हो जाती है।

गर्मी ज्यादा होने की वजह से हमारी बॉडी में पानी की कमी होती, जिससे खून गाढ़ा हो जाता है और इस वजह से ब्लड वॉल्यूम घट जाता है। जब खून गाढ़ा होगा, तो उसमें कहीं न कहीं कुछ ब्लॉकेज आने का डर होता है, जिसकी वजह से हमारे ब्लड वेसल में जिस रफ्तार के साथ खूव बहना चाहिए, उसे ब्लड मेंटेन नहीं कर पाता है। इस वजह से ब्लड को थोड़ा सा फ्रिक्शन महसूस होता है और ब्लॉकेज की वजह से आंख में ब्लड वेसल रप्चर हो जाती है।

क्या हीट वेव से आई इंफेक्शन का खतरा होता है?

आंख में एक पतला और ट्रांसपेरेंट लिक्विड 'एक्वस ह्यूमर' होता है, जो प्लाज्मा लिक्विड जैसा दिखता है। लिक्विड में 99.9% पानी और 0.1% शुगर प्रोटीन, विटामिन और दूसरे पोषक तत्व होते हैं।

एक्वस ह्यूमर हमारी आंखों में पोषक तत्व को पहुंचाकर और आंख के प्रेशर और आकार को बनाए रखता है। एक्वस ह्यूमर हमारी आंखों को हमेशा साफ करता रहता है। इस प्रोसेस में हमारी आंखे लगातार नए जलीय पदार्थ का उत्पादन करती है, जबकि पुराना लिक्विड ट्रैब्युलर मेशवर्क के जरिए आंख से निकल जाता है।

हीट वेव के दौरान गर्मी के कारण एक्वस ह्यूमर का तरल पदार्थ या पानी आंखों से निकल नहीं पता या ब्लॉक हो जाता है, जिसके कारण आंखों में ड्राइनेस या सूखापन आ जाता है।

गर्मी में UV रेडिएशन से अपनी आंखों को कैसे बचाएं?

गर्मी के दिनों में सूरज से अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन निकलता है। ये UV रेडिएशन हमारी आंखों को काफी नुकसान पहुंचाता है और इसकी वजह से रेटिना के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है।

इस रेडिएशन से सुरक्षा के लिए हमें फोटोक्रोमिक चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस चश्मे का इस्तेमाल करने से सूरज की किरणों से निकलने वाले रेडिएशन से रेटिना को डायरेक्ट डैमेज करने से रोका जा सकता है।

गर्मी के दौरान अपनी आंखों को कैसे सुरक्षित रखें?

- बार-बार आंखों को ठंडे पानी से धोएं

- गीले कपड़े या अंगोछे का इस्तेमाल जरूर करें

- धूप निकलने पर आंखों पर चश्मा लगाएं

आयुर्वेद में आंखों को सुरक्षित रखना के क्या हैं तरीके?

गर्मी के दौरान आंखों को सही और सुरक्षित बनाए रखने के लिए आयुर्वेद में गुलाब जल, त्रिफला का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा दवा के रूप में आप ISO Amrit आई ड्राप और Isotine आई ड्राप का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

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First Published: Jun 26, 2024 5:00 AM

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