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सिर्फ 50 रुपये में घर-घर पहुंच रहा है कैंसर, जहरीले केमिकल से पके फलों की बाढ़

इन दिनों फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है। बाजार में मिठाई फलों की खरीदारी बढ़ जाती है। इस बीच बहुत से फल केमिकल के जरिए पकाए जाते हैं। इसमें सबसे पहला नाम केला का आता है। 40-50 रुपये दर्ज मिलने वाले केले को कैल्शियम कार्बाइड से पकाया जाता है। इसका इस्तेमाल करना गैर कानूनी है। इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है

अपडेटेड Oct 01, 2024 पर 4:49 PM
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तरबूज, आम, केला जैसे कई फलों को कच्चा तोड़कर जल्द ही बेचने के लिए कैल्शियम कार्बाइड से पकाया जाता है।

फल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने गए हैं। डॉक्टर भी लोगों को रोजाना फलों का सेवन करने की सलाह देते हैं। लेकिन यही फल अगर जहर का काम करने लगे, तो क्या होगा, दरअसल, इन दिनों बाजार में जो भी फल मिल रहे हैं। आमतौर पर उन्हें केमिकल से पकाया जा रहा है। इसकी पहचान भी आसानी से हो जाती है। बाजार में मिलने वाले छोटे केले आकार में बड़े बेढ़ंग के होते हैं। देखते ही पता चल जाता है कि इन्हें जबरन पकाया गया है। ऐसे फल सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

केला, आम, तरबूज जैसे अन्य फलों को पकाने के लिए धड़ल्ले से कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि इसके इस्तेमाल पर पाबंदी लगी हुई है और यह गैर कानूनी है। इसके बावजूद धड़ल्ले से फलों को पकाने के लिए इस केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। कच्चे फलों को समय से पहले ही तोड़ लिया जाता है। बाद में इन्हें केमिकल के जरिए पकाया जाता है। इससे कैंसर का खतरा रहता है।

जानिए क्या है कैल्शियम कार्बाइड


कैल्शियम कार्बाइड का केले और अन्य फलों को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एक ऐसा केमिकल है, जिस पर भारत समेत कई देशों में बैन है। इसे स्वास्थ्य के लिए खतरा माना गया है। इससे पके फलों को खाने से कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम कार्बाइड में आमतौर पर आर्सेनिक और फास्फोरस होते हैं। यह देखने में फिटकरी जैसा होता है। यह फल में मौजूद पानी और नमी से रिएक्ट कर इथाइल गैस बनाता है। इस इथाइल गैस से फलों के अंदर आर्टिफिशियल गर्मी पैदा की जाती है। जिस वजह से फल वक्त से पहले पक जाते हैं। वक्त से पहले पके फलों में कोई पोषक तत्व नहीं पाया जाता है।

कैल्शियम कार्बाइड से कैंसर का खतरा

कैल्शियम कार्बाइड से पके हुए फलों का लगातार सेवन करने से किडनी और लीवर से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। पेट में अल्सर की समस्या पैदा हो सकती है। साथ ही कैंसर की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। बता दें, फलों में इस केमिकल के इस्तेमाल से फल अच्छी तरह से पकते नहीं है। ऐसे में फल ऊपर से पके हुए नज़र आते हैं लेकिन अंदर से अधपके रहते हैं।

कैसे करें कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों की पहचान?

कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों की पहचान आसानी से कर सकते हैं। कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों में दाग-धब्बे बहुत ज़्यादा नज़र आते है। साथ ही इनमें अन्य प्राकृतिक फलों के मुकाबले चमक ज्यादा होती है। इतना ही नहीं कैल्शियम कार्बाइड से पके फल 2 से 3 दिन में ही काले पड़ जाते हैं। ये जल्द ही सड़ने लगते हैं।

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