झारखंड के घने जंगलों में पाया जाने वाला बेलवा पौधा आदिवासी समुदाय के लिए बहुत खास है। यह पौधा पीढ़ियों से उनकी परंपरा का हिस्सा रहा है और इसे त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खासकर छठी के दिन नवजात शिशुओं के शरीर पर इसकी पत्तियां रगड़ने की परंपरा है। आदिवासियों का मानना है कि ऐसा करने से बच्चे को चर्म रोग, दाद, खुजली या किसी भी त्वचा संक्रमण से बचाव मिलता है। अब वैज्ञानिक भी इस पौधे के गुणों पर शोध कर रहे हैं।
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के अनुसार, बेलवा में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। अगर इस पर और रिसर्च की जाए, तो यह एक प्राकृतिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे कई लोगों को फायदा होगा।
शोध में मिले एंटीबैक्टीरियल गुण
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कृषि विशेषज्ञ प्रशांत ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि, बेलवा पर वैज्ञानिक अध्ययन किया जा रहा है। शुरुआती शोध में पाया गया कि इस पौधे में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद हैं। इन गुणों की वजह से यह त्वचा को संक्रमण से बचाने में मददगार हो सकता है।
त्वचा संबंधी समस्याओं का कारगर समाधान
शोध में यह भी सामने आया कि बेलवा की पत्तियां दाद, खुजली, पिंपल्स और हाइपर पिगमेंटेशन जैसी समस्याओं को ठीक करने में प्रभावी हैं। आदिवासियों के अनुसार, शरीर पर इस पौधे के पत्तों का लेप लगाने से चर्म रोग जल्दी ठीक हो जाते हैं और दोबारा होने की संभावना कम हो जाती है।
चर्म रोग की प्राकृतिक दवा बनाने की योजना
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पौधे का पाउडर बनाकर शरीर पर लगाने से स्किन डिजीज का असरदार इलाज संभव हो सकता है। खासकर उन लोगों के लिए यह फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें बार-बार त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बेलवा को दवा के रूप में विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है, जिससे इसे व्यापक स्तर पर उपयोग में लाया जा सके।
आदिवासी परंपरा और पूर्वजों का अनुभव
स्थानीय आदिवासियों का कहना है कि उनके पूर्वज भी बेलवा का इस्तेमाल करते थे, और उनकी त्वचा से जुड़ी समस्याएं बहुत कम होती थीं। यदि कभी कोई समस्या होती भी थी, तो इस पौधे के पत्तों को लगाने से तुरंत आराम मिल जाता था। यही कारण है कि यह पौधा पीढ़ियों से उनके पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा बना हुआ है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।