अच्छी सेहत के लिए अक्सर डॉक्टर, डाइटीशियन साब्जियों और अंकुरित चीजों को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं। इनका नियमित इस्तेमाल हमारे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। सब्जियों में विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। कई अध्ययनों में भी ये साबित हो चुका है कि सब्जियों के नियमित इस्तेमाल से पेट और दिल दोनों दुरुस्त रहते हैं। कई डाइटीशन मानते हैं कि लंबा और निरोग जीवन जीने के लिए ताजी और हरी सब्जियों का बहुत योगदान है।
इसके साथ ही विशेषज्ञ सब्जियों के सही रख-रखाव और इस्तेमाल के तरीके पर भी जोर देते हैं। कई सब्जियां यूं तो गुणों की खान होती हैं, मगर इनका सही इस्तेमाल न हो तो लेने के देन भी पड़ सकते हैं। इसमें आलू, प्याज और लहसुन का नाम खासतौर से लिया जा सकता है। ये ऐसी सब्जियां हैं, जो आमतौर से हर घर में मौजूद होती हैं। इनका इस्तेमाल नियमित रूप से होता है और इसे खाने से पहले हम दोबारा सोचते भी नहीं हैं। लेकिन अंकुरित होने पर इन सब्जियों का इस्तेमाल जहर बन सकता है। ये जानकारी न्युट्रिशनिस्ट डिंपल जांगड़ा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट वीडियो में दी है। आइए आनें।
आलू : शायद ही कोई घर होगा जहां किचन में आलू न मिले। बच्चों से लेकर बड़ों तक का पसंदीदा आलू जहर भी बन सकता है। यकीन नहीं हो रहा है न, लेकिन ये सच है। डिंपल ने अपने वीडियो में बताया है कि अंकुरित आलू के इस्तेमाल से बचना चाहिए। अक्सर लोग आलू अंकुरित होने पर उसके अंकुर निकाल कर फेंक देते हें और बाकी हिस्सा बना लेते हैं। मगर, ये आदत आपको भारी पड़ सकती है। अंकुरित आलू के अंकुर और हरे हिस्से में ग्लाइकोएल्कलॉइड्स होते हैं। इनके इस्तेमाल से सोलनिन पॉइजनिंग हो सकती है। इससे सिरदर्द, दस्त, तंत्रिका संबंध दिक्कतें और मतली, उल्टी आदि भी हो सकता है।
प्याज : प्याज सलाद से लेकर सब्जी, पराठा और बगार हर जगह काम आता है। ये ऐसी सब्जी है जिसे काफी लोग लंबे समय के लिए स्टोर भी करते हैं। लेकिन अंकुरित हो चुके प्याज को नहीं खाना चाहिए। न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक अंकुरित प्याज में उच्च स्तर का एल्कलॉइड, खासतौर से एन-प्रोपाइल डाइसल्फाइड का उत्पादन होता है। ये रेड ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचाकर हेमोलिटिक एनीमिया की वजह बन सकते हैं। इसके नुकसान करने पर उल्टी, पेट दर्द, मतली और दस्त की शिकायत हो सकती है।
लहसुन : अंकुरित लहसुन फायदे से ज्यादा नुकसान का कारण बनता है। ऐसे लहसुन में सल्फर यौगिक का हाई कंसंट्रेशन होता है, जो पाचन तंत्र में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इससे लाल रक्त कोशिकाओं को ऑक्सिडेटिव नुकसान भी हो सकता है।