अक्सर लोग समझते हैं कि पैरों में उभरी हुई नीली या बैंगनी नसें केवल उम्र या स्किन की बनावट का हिस्सा हैं। लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा गंभीर है। ये उभरी नसें एक ऐसी बीमारी का संकेत हो सकती हैं जिसे वैरिकोज वेन्स कहते हैं। य समस्या तब होती है जब नसों में खून का प्रवाह धीमा पड़ जाता है और नसें फूलकर बाहर दिखने लगती हैं। ये ना सिर्फ दर्द, भारीपन या जलन का कारण बनती हैं, बल्कि लंबे समय तक नजरअंदाज करने पर नसों में ब्लड क्लॉट जैसी जटिलताएं भी पैदा कर सकती हैं।
खास बात ये है कि इसकी शुरुआत आमतौर पर पैरों से होती है और लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं। इसीलिए समय रहते इसे पहचानना और सही कदम उठाना बेहद जरूरी है। आइए जानें वैरिकोज वेन्स के कारण, इसके लक्षण और इससे बचने के आसान उपाय।
वैरिकोज वेन्स वो स्थिति है जब पैरों की नसों में खून का बहाव धीमा हो जाता है और नसें फूलकर त्वचा के ऊपर उभर आती हैं। ये समस्या आमतौर पर शरीर के निचले हिस्से में होती है, खासतौर से पैरों में। कुछ लोगों को इससे दर्द, भारीपन और जलन महसूस होती है, वहीं कुछ इसे नजरअंदाज कर देते हैं।
अगर आपका काम ऐसा है जिसमें घंटों खड़े रहना पड़ता है, तो पैरों की नसों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे सूजन की शुरुआत हो सकती है।
मोटापा नसों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे ब्लड फ्लो रुक सकता है और नसें सूजने लगती हैं।
गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव और शरीर का बढ़ा वजन नसों पर असर डाल सकता है। इसी तरह हाई ब्लड प्रेशर भी एक बड़ा कारण है।
अगर परिवार में किसी को वैरिकोज वेन्स की समस्या रही है, तो अगली पीढ़ी में इसका खतरा अधिक हो जाता है।
कैसे पहचानें वैरिकोज वेन्स?
इलाज और बचाव के आसान तरीके
चलना, तैरना या हल्की जॉगिंग नसों को सक्रिय रखती है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
अगर स्टैंडिंग जॉब है तो हर थोड़ी देर में बैठें और पैरों को आराम दें।
टाइट कपड़े और हील्स से बचें
ऐसे कपड़े और जूते नसों को दबाते हैं, जिससे सूजन और बढ़ सकती है।
ये मोजे नसों पर हल्का दबाव डालते हैं जिससे खून का बहाव बेहतर होता है और सूजन कम होती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।