Yoga Day: इन 7 तरीकों से योग देता है थाइराइड में आराम, आखिरी वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Yoga For thyroid: थायराइड की गंभीर समस्या में दवाओं की जरूरत तो पड़ती ही है, लेकिन नियमित योगाभ्यास से इसे रोकना और ठीक करना संभव है। अगर आप हर सुबह सिर्फ 3 आसान योगासन करेंगे तो थायराइड ग्रंथि को संतुलित रखने में काफी मदद मिलेगी। इससे थायराइड के लक्षण धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।

अपडेटेड Jun 21, 2025 पर 6:45 AM
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Yoga For thyroid: हर सुबह 7 योगासन करें, थायराइड कंट्रोल में रहेगा, दवाओं की जरूरत घटेगी।

इन दिनों थायराइड की सबसे बहुत कॉमन हो चुकी है। खासतौर पर महिलाओं में थायराइड की दिक्कत तेजी से बढ़ रही है। शरीर में हार्मोनल डिस्ऑर्डर होने की वजह से थायराइड की बीमारी होती है और इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। आपको शुरू में भले ही यह बीमारी छोटी लगती है लेकिन इससे आपके काम करने की एनर्जी कम होती है। दिल पर इसका बुरा असर पड़ता है। मूड स्विंग और यहां तक मां बनने की क्षमता पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि थायराइड की दिक्कत शुरू होने से पहले ही सावधानी बरतें। रिसर्च से पता चला है कि अगर आप योग करते हैं तो इससे आपका शरीर बैलेंस होता है। और थायराइड की समस्या से बच सकते हैं।

थायराइड दो तरह का होता है। एक हाइपोथायरॉइडिज्म (hypothyroidism) qहाइपरथायरॉइडिज्म  (hyperthyroidism) होता है। बहुत कम लोग ये जानते हैं कि थायराइड  की वजह से ब्रेन फॉग, मूड स्विंग्स, टेंशन और नींद ना आने की भी दिक्कत होती हैं। दवा लेने से हार्मोन का स्तर जरूर संतुलित हो सकता है लेकिन फिर भी कुछ शारीरिक समस्याएं बनी रहती हैं।

स्टडीज से साबित हुए फायदे


अगर आप रेगुलर योग करते हैं तो Parasympathetic Nervous System एक्टिव होता है और टेंशन वाले हार्मोन कम होते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योगा के मुताबिक 13 स्टडी से ये पता चला है कि आसन और प्राणायम से थायराइड के मरीजों में बायोकेमिकल लक्षण बेहतर होते हैं। साथ ही इससे इमोशनल स्टेबिलिटी भी आती है।

यहां हम बता रहे हैं कि योग से कैसे आपकी थायराइड की समस्या दूर हो सकती है

  1. नर्वस सिस्टम को शांत करता है

लगातार योग करने से यह ओवरएक्टिव नर्वस सिस्टम को शांत करने का काम करता है। नर्वस सिस्टम हाइपरथायरॉइडिज्म में बहुत उत्तेजित हो जाता है। यह कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) और टेंशन को कम करके शरीर को आराम देता है।

  1. हार्मोन बैलेंस में सहायक

योग में कुछ ऐसे आसन होते हैं जो गले और गर्दन बहुत स्मूथ तरीके सक्रिय करते हैं। ऐसा ही एक आसन सर्वांगासन (शोल्डर स्टैंड) है। माना जाता है कि ये आसन थायराइड ग्रंथि के काम को सपोर्ट करता है जिससे हार्मोनल बैलेंस बनाने में मदद मिलती है।

  1. सूजन में कमी

नियमित योग से शरीर में मौजूद सिस्टमेटिक सूजन कम होता है। यह हाशिमोटो जैसी ऑटोइम्यून थायरॉइड बीमारियों में काफी अहम होता है।

  1. एनर्जी बढ़ाता है

थायराइड में थकान की समस्या बहुत कॉमन है। आसान योग आसनों और प्राणायाम के जरिए शरीर की एनर्जी को फिर से बढ़ाया जा सकता है और आपको थकावट भी कम महसूस होगी।

  1. बेहतर नींद का फायदा

योग निद्रा और ध्यान जैसे योग अभ्यास से मन शांत होता है। इससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है और हार्मोन संतुलन और इम्यून सिस्टम के लिए आवश्यक है।

  1. वजन संतुलन में सहायक

अगर आप रेगुलर योग करते हैं तो मेटाबॉलिज्म धीरे-धीरे सक्रिय होता है। यह हाइपोथायरॉइडिज्म के मरीजों के लिए काफी खास है। यह पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाकर वजन कंट्रोल करने में मदद करता है।

  1. मानसिक तनाव कम होता है

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि थायराइड का असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं दिमाग पर भी पड़ता है। इसकी वजह से ब्रेन फॉग और एकाग्रता की कमी होती है। अगर आप योग में सांस लेने की तकनीक पर काम करें तो दिमाग तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाती है। इससे मानसिक सतर्कता भी बेहतर होता है।

डिस्क्लेमर - यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।

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