कल्पना कीजिए कि आप रोज जो पानी पीते हैं, उसमें धीरे-धीरे जहर घुल रहा है। एक ऐसा जहर जिसे वैज्ञानिक फॉरएवर केमिकल्स यानि (PFAS) कहते हैं, जो शरीर में जाकर कभी खत्म नहीं होता। यह केमिकल हमारे किचन के नॉन-स्टिक बर्तनों, फायरफाइटिंग फोम, वाटरप्रूफ कपड़ों और कई अन्य रोजमर्रा की चीजों से हमारे पानी तक पहुंचता है। और फिर वहीं से हमारे शरीर में। लेकिन चिंता की बात नहीं है अब इस परेशानी को लेकर बड़ी राहत मिली है। दरअसल यूटा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो इस घातक जहर को सिर्फ पांच मिनट में पानी से हटा सकती है।
क्या पता चला रिसर्च में ?
वैज्ञानिकों ने एक खास किस्म का Metal-Organic Framework विकसित किया है जो एक तरह की सूक्ष्म संरचना जो केमिकल्स को जाल की तरह फंसा सकती है। जब इसे दूषित पानी में डाला गया, तो इसने फॉरएवर केमिकल्स जैसे खतरनाक पदार्थों को 99% तक हटा दिया, और वो भी केवल 5 मिनट के अंदर।
यह MOF इतना स्मार्ट है कि जब फॉरएवर केमिकल्स से संपर्क में आता है, तो चमकने लगता है। यानी यह ना सिर्फ साफ करता है, बल्कि गंदगी की चेतावनी भी देता है।
पर्यावरण को ध्यान रखकर बना है ये टूल
अक्सर जल शुद्धिकरण प्रणालियां एक बार उपयोग के बाद फेंक दी जाती हैं। लेकिन यह नई तकनीक कई बार धोकर दोबारा इस्तेमाल की जा सकती है, और इसकी प्रभावशीलता 93% तक बनी रहती है। यानि आप इसे सिर्फ एक बार नहीं, कई बार बिना ज्यादा खर्च के उपयोग कर सकते हैं, जो इसे आम जनता के लिए किफायती बनाता है।
फॉरएवर केमिकल्स क्यों है खतरनाक
फॉरएवर केमिकल्स ये वो केमिकल्स हैं जो वातावरण में सैकड़ों साल तक रहते हैं और शरीर में एक बार घुस जाने पर कभी नहीं निकलते। ये केमिकल्स कैंसर, लिवर डैमेज, थायरॉइड की समस्याएं और इम्यून सिस्टम को कमजोर करने जैसे खतरों से जुड़े हैं।