Delhi Acid Attack: आरोपी और पीड़िता के बीच पहले दोस्ती थी। फिर बाद में दोनों के बीच मनमुटाव हो गया, जिसके कारण उस पर हमला कर दिया
Delhi Acid Attack: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में बुधवार को 17 साल की एक लड़की पर तेजाब फेंकने (Acid Attack) के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों ने तेजाब फ्लिपकार्ट (Flipkart) से ऑनलाइन खरीदा था। पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में बुधवार सुबह स्कूल जाने के लिए घर से निकली 17 वर्षीय लड़की पर बाइक सवार दो नकाबपोश व्यक्तियों ने तेजाब फेंक दिया। इसके बाद पीड़िता को गंभीर हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। तेजाब हमले को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। लोग बैन के बावजूद मार्केट में तेजाब की उपलब्धता को लेकर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में तीनों आरोपियों जिसमें मुख्य आरोपी सचिन अरोड़ा और उसके दो दोस्तों हर्षित अग्रवाल (19) और विरेन्द्र सिंह (22) को गिरफ्तार किया गया है। स्पेशल पुलिस कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) सागरप्रीत हुडा ने बताया कि हमले में इस्तेमान तेजाब को ऑनलाइन पोर्टल से खरीदा गया था। अरोड़ा ने इसके लिए भुगतान ई-वॉलेट से किया था।
ब्रेकअप के बाद छात्रा पर किया हमला
एक बयान में पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कहा कि यह पता चला है कि तेजाब ‘फ्लिपकार्ट’ से खरीदा गया। इस संबंध में ई-कॉमर्स पोर्टल की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है। हुडा ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि अरोड़ा और पीड़िता के बीच सितंबर से दोस्ती थी। उन्होंने कहा कि दोनों में मनमुटाव हो गया, जिसके कारण अरोड़ा ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि आरोपी और पीड़िता पड़ोसी हैं।
पुलिस ने बताया कि पूरी घटना CCTV कैमरों में कैद हो गई है। जिसमें हमले के बाद जब तेजाब से 12वीं की छात्रा का चेहरा झुलस रहा है तो उसे बुरी तरह तड़पते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि घटना उत्तम नगर के मोहन गार्डन इलाके की है। उस वक्त पीड़िता अपनी छोटी बहन के साथ थी।
8% झुलस गया है पीड़िता का चेहरा
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ने बताया कि किशोरी का चेहरा 8 फीसदी तक झुलस गया है और उसकी आंखें भी प्रभावित हुई हैं। उन्होंने बताया कि किशोरी को सफदरजंग अस्पताल के बर्न आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। पुलिस ने बताया कि पहली नजर में ऐसी लगता है कि हमले में नाइट्रिक एसिड का उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि नमूनों को फॉरेंसिक टेस्ट के लिए भेजा गया है।
विशेष पुलिस आयुक्त हुडा ने बताया कि अरोड़ा और अग्रवाल बाइक पर थे और सिंह ने अपराध में उनकी मदद की। उन्होंने कहा कि घटना से पहले सिंह ने अरोड़ा की स्कूटी और मोबाइल फोन दूसरे लोकेशन पर लेकर गया। ताकि उनके लिए ‘एलिबाई’ (उनके घटना के वक्त किसी और जगह पर मौजूद होने का साक्ष्य बनाने) बना सके और जांचकर्ताओं को गुमराह कर सके। हुडा ने बताया कि अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अग्रवाल का भी पता लगा लिया।
मां से बोली पीड़िता- 'मुझे दर्द हो रहा है'
सफदरजंग अस्पताल के ‘बर्न वार्ड’ के बाहर इंतजार कर रहे लड़की के पिता ने पत्रकारों से कहा कि उस समय उसकी छोटी बहन साथ थी और वे दोनों स्कूल जा रहे थे। पीड़िता के पिता ने पत्रकारों से कहा, ‘मेरी बेटी सुबह साढ़े 7 बजे घर से निकली थी। जैसे ही वह सड़क पार कर रही थी, उस पर हमला किया गया। यह घटना उसके घर से निकलने के छह से सात मिनट के भीतर हुई। मेरी सबसे छोटी बेटी उसके साथ गई थी और फिर दौड़कर हमारे पास आई।’
यह पूछे जाने पर कि क्या उसे कोई परेशान कर रहा था या कोई उसका पीछा कर रहा था, उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं है। घटना की शिकायत मोहन गार्डन पुलिस थाने में सुबह करीब 9 बजे हुई और पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल ले जाने से पहले उसे दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया था। पीड़िता की मां अपने बेटी के बारे में बात करते हुए भावुक हो गईं और कहा, ‘मैं उसकी हालत देखने की स्थिति में नहीं हूं। वह अपनी आंखें भी नहीं खोल पा रही है और कह रही थी कि मुझे दर्द हो रहा है।’
लड़की के चाचा ने सुबह हुई इस घटना के बारे में कहा कि पीड़िता अपनी बहन के साथ मेट्रो स्टेशन की ओर जा रही थी तभी उस पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि असहनीय दर्द होने पर वह मदद के लिए पास की दुकानों की ओर दौड़ी, तो एक दुकानदार ने दर्द कम करने के लिए उसके चेहरे पर दूध डाला।
दिल्ली में बढ़ रहे एसिड अटैक के मामले
राष्ट्रीय राजधानी में 2018 में तेजाब हमले के 11 और 2019 में ऐसे 10 मामले आए हैं। वहीं, 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान दो लोगों पर तेजाब हमला हुआ। आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2018 में तेजाब हमले के 228, 2019 में 249 और लॉकडाउन के दौरान 2020 में 182 तेजाब हमले हुए।
तेजाब हमलों की संख्या में वृद्धि के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में खुदरा दुकानों पर तेजाब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही राज्य सरकारों ने तेजाब हमले की प्रत्येक पीड़ित को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश जारी किया था।