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रिकॉर्ड डिविडेंड के बाद RBI का एक और बिग बोल्ड फैसला, नरसिम्हा राव सरकार द्वारा गिरवी रखे सोने की घर वापसी

बैंक ऑफ इंग्लैंड में दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व है। ज्यादातर देश लंदन में ही सोना रखते हैं। इंग्लैंड से 100 टन सोना एक विशेष विमान से भारत लाया गया है। अब सवाल ये है कि भारत का सोना लंदन में क्यों? 1991 में नरसिम्हा राव सरकार ने सोना गिरवी रखा था

MoneyControl Newsअपडेटेड May 31, 2024 पर 2:28 PM
रिकॉर्ड डिविडेंड के बाद RBI का एक और बिग बोल्ड फैसला, नरसिम्हा राव सरकार द्वारा गिरवी रखे सोने की घर वापसी
ज्यादातर देश लंदन में ही सोना रखते हैं। इंग्लैंड से 100 टन सोना एक विशेष विमान से भारत लाया गया है

रिकॉर्ड डिविडेंड के बाद अब रिजर्व बैंक ने एक और बिग बोल्ड फैसला लिया है। RBI ने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना देश में मंगवाया है। इस पर पूरा अपडेट बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि RBI का गोल्ड पर बोल्ड फैसला सामने आया है। सोने की बड़ी मात्रा अब देश के अंदर ही रखी जाएगी। विदेश में रखा सोना भारत लाया जाएगा। 100 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड से लाया गया है। जल्द ही बैंक ऑफ इंग्लैंड से 100 टन सोना और आएगा।

गौरतलब है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड में दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व है। ज्यादातर देश लंदन में ही सोना रखते हैं। इंग्लैंड से 100 टन सोना एक विशेष विमान से भारत लाया गया है। अब सवाल ये है कि भारत का सोना लंदन में क्यों? 1991 में नरसिम्हा राव सरकार ने सोना गिरवी रखा था।

1991 में उपजे आर्थिक संकट के निपटने के लिए सोना गिरवी रखा गया था। डॉलर जुटाने के लिए सोना विदेशी बैंकों के पास रखा गया था।

जुलाई, 1991 में कॉन्ग्रेस की नरसिंह राव वाली सरकार ने डॉलर जुटाने के लिए सोना विदेशी बैंकों के पास गिरवीं रखा था। जुलाई 1991 में नरसिंह राव सरकार ने 46.91 टन सोना इंग्लैंड की बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास गिरवीं रखा था ताकि 400 मिलियन डॉलर जुटाए जा सकें। सोना गिरवीं रखे जाने से पहले भारत ने सोना बेचा भी था। मई 1991 में भारत ने स्विट्ज़रलैंड की UBS बैंक को सोना बेचा था, इसके जरिए सरकार ने 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे। बताया गया कि यह वह सोना था जो कि तस्करों से पकड़ा गया था और देश की बैकों के पास जमा था। रिपोर्ट बताती हैं कि इस दौरान 20 टन सोना बेचा गया था।

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