वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sithaeraman) ने अपने कार्यकाल का तीसरा आम बजट (Budget 2021) आज संसद में पेश कर दिया है। ये बजट देश का पहला पेपरलेस बजट था। साल 2021-22 के आम बजट में हेल्थ, बीमा और बुजुर्गों को लेकर अहम घोषणाएं हुई हैं। इस साल बजट में हेल्थ सेक्टर के बजट में 137 फीसदी की बढ़ोतरी कर उसके लिए 2,23,846 करोड़ का आवटन किया गया है। बीमा कंपनियों में FDI सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा 75 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दी गई है।
जहां सरकार के सांसदों और नेताओं ने इस बजट को आत्मनिर्भर भारत को मजबूत बनाने वाला बजट बताया, तो दूसरी तरफ विपक्षी सांसद और नेताओं ने इस बजट को उम्मीदों पर खरा न उतरने वाला बजट बताया है। यहां पढ़ें बजट 2021 पर किसने क्या कहा...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है, इसमें यथार्थ का अहसास और विकास का विश्वास भी है। कोरोना ने दुनिया में जो प्रभाव पैदा उसने पूरी मानव जाति को हिला कर रख दिया। इन परिस्थितियों के बीच आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है। आज के बजट में आत्मनिर्भरता का विज़न भी है और हर वर्ग का समावेश भी है। हम इस में जिन सिद्धांतों को लेकर चले हैं वो हैं- ग्रोथ के लिए नई संभावनाओं का विस्तार करना, युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण करना, मानव संसाधन को एक नया आयाम देना।
इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए नए क्षेत्र विकसित करना, आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ना, नए सुधार लाना। ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं जिसमें शुरू के एक-दो घंटों में ही इतने सकारात्मक रिस्पांस आए। इस बजट में MSME और इंफ्रास्ट्रक्टर पर विशेष ज़ोर दिया गया है। ये बजट जिस तरह से हेल्थ केयर पर केंद्रित है वो भी अभूतपूर्व है। इस बजट में दक्षिण के हमारे राज्य,पूर्वोत्तर के हमारे राज्य और उत्तर में लेह-लद्दाख जैसे क्षेत्रों में विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लंबे समय से हम जो सपना देखते थे, वो सपना नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हुआ है। लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को केंद्र में जगह मिली है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश 137% बढ़ा है, ये पिछले साल के अनुमानित बजट से 2.37 गुना ज़्यादा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लोगों को उम्मीद नहीं थी कि इस प्रकार का बजट पेश होगा क्योंकि इससे पहले भी एक तरह से पांच मिनी बजट पेश हुए हैं। ये बहुत ही शानदार बजट है इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है। रक्षा क्षेत्र के बजट में बढ़ोतरी हुई है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत को मज़बूत बनाने का बजट है। ये सभी सेक्टरों को ध्यान में रखकर बनाया गया है,स्वास्थ्य सेक्टर में लगभग 137% की वृद्धि की गई।ये बजट 70,000 गांवों को मजबूत करेगा। 602 गांवों में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर क्लीनिक बनेंगे वो विशेष उपलब्धि है।
बजट में लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के प्रस्ताव पर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाते-बनाते भी ज़िंदगी गुजर जाएगी। कहने को तो बहुत कुछ है, लेकिन इसमें (बजट) से कितना निकलेगा ये पता चलेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि बजट में समाज के हर तबके के लिए बहुत कुछ प्रावधान किया गया है। इसमें देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए जो प्रयास हुआ है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव करने के लिए जिस प्रकार की कार्ययोजना बनाई गई है वह अभिनंदनीय है। यह बहुत महत्वपूर्ण और व्यवहारिक बजट है।
एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा कि वित्त मंत्री ने एक संतुलित बजट पेश किया है। कोरोना से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित है उसके बावजूद बजट में हर वर्ग ध्यान रखा गया है। इस महामारी के दौरान इससे संतुलित बजट नहीं हो सकता।
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी नेता ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि असाधारण स्थिति में जब बजट पेश होगा तो इसमें असाधरण कदम उठाने की झलक मिलेगी। लेकिन सरकार असाधारण स्थिति में बड़े साधारण और निजीकरण की राह पकड़ कर खुद को बचाना चाहती है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बजट में केंद्र सरकार ने दिल्ली के साथ धोखा किया है। दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ रुपये दिए हैं। दिल्ली को पिछले 17 सालों से केंद्र सरकार 325 करोड़ रुपये देती आई हैं। एक रुपये भी नहीं बढ़ाया। उम्मीद थी कोरोना काल में पैसा बढ़ाकर दिया जाएगा।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बजट देश निर्माण के लिए नहीं था बल्कि देश बेचने के लिए था। आप जानते हैं कि कई संस्थानों की संपत्तियों को बेचा गया। जितनी संपत्तियां बची है उसे निजी क्षेत्र को देने की तैयारियां चल रही है। आम नागरिकों की कमर तोड दी गई। चंद लोगों का ख्याल इस बजट में रखा गया है।
समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने कहा कि इस बजट ने उन सभी प्रदर्शनकारी किसानों को क्या दिया? बीजेपी हमेशा कहती थी कि वो आय दोगुनी करेगी, क्या इस बजट से किसानों की आय दोगुनी हो रही? हमारे युवा जो पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए काम, रोज़गार के लिए इस बजट में क्या व्यवस्था की गई है, क्या इनको रोज़गार मिलेगा ?
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