सैन्य अधिकारियों ने कहा कि इंडिया गेट (India Gate) पर अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) की लौ को 50 साल बाद हमेशा के लिए बुझा दिया जाएगा और शुक्रवार को इसे नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) की लौ में मिला दिया जाएगा, यानि अब केवल नेशनल वॉर मेमोरियल में ही लौ जलेगी।
अमर जवान ज्योति की स्थापना भारतीय सैनिकों के लिए एक स्मारक के रूप में की गई थी, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे, जिसे भारत ने जीता था, जिसके बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ। इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को किया था।
सैन्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि अमर जवान ज्योति की लौ शुक्रवार दोपहर को बुझा दी जाएगी और इंडिया गेट के दूसरी तरफ सिर्फ 400 मीटर की दूरी पर स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल में जलने वाली लौ में विलीन की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे जो दोनों आग को मिला देंगे।
इंडिया गेट स्मारक ब्रिटिश सरकार द्वारा 1914-1921 के दौरान अपनी जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों की याद में बनाया गया था।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां ग्रेनाइट की टैबलेट्स पर सुनहरे अक्षरों में 25,942 सैनिकों के नाम अंकित हैं। युद्ध स्मारक में भवन के उद्घाटन के बाद, सभी सैन्य औपचारिक इवेंट को इंडिया गेट स्मारक से नेशनल वॉर मेमोरियल में शिफ्ट कर दिया गया था।