'नेहरू ने गलती नहीं, ऐतिहासिक ब्लंडर किया था', कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, J&K पुनर्गठन विधेयक लोकसभा में पास

Winter Session 2023: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर जम्मू कश्मीर में बदलाव नहीं मालूम पड़ेगा। आपको बता दें कि इस बिल में प्रवासी कश्मीरियों, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर से विस्थापित व्यक्तियों तथा अनुसूचित जनजातियों को प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए जम्मू और कश्मीर विधानसभा में सीट की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 करने का प्रावधान हैं।

अपडेटेड Dec 06, 2023 पर 4:33 PM
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Winter Session 2023: शाह ने कहा कि 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 लोकसभा से पास हो गया है। बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने विपक्ष पर जोरदार पलटवार किया। अमित शाह ने कहा कि मैं जो विधेयक लेकर आया हूं, वह बिल 70 वर्षों से जिन पर अन्याय हुआ, अपमानित हुए और जिनकी अनदेखी की गई, उनको न्याय दिलाने का​ बिल है। उन्होंने कहा कि नाम के साथ सम्मान जुड़ा है, इसे वही लोग देख पाते हैं, जो अपने से पीछे रह गए लोगों की अंगुली पकड़ कर संवेदना के साथ उन्हें आगे बढ़ाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि वो लोग इसे नहीं समझ सकते, जो इसका उपयोग वोटबैंक के लिए करते हैं। शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी ऐसे नेता हैं, जो गरीब घर में जन्म लेकर देश के प्रधानमंत्री बने हैं, वह पिछड़ों और गरीबों का दर्द जानते हैं। जब ये (कश्मीरी) विस्थापित हुए, तो अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बनना पड़ा।

शाह ने कहा कि आज के आंकड़ों के मुताबिक, 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए। इस प्रकार से विस्थापित हुए कि उनकी जड़ें अपने देश और प्रदेश से उखड़ गईं। उन्होंने कहा कि ये बिल उनको अधिकार देने का है, उनको प्रतिनिधित्व देने का है।


नेहरू पर बड़ा आरोप

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि नेहरू (पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू) के समय में जो गलतियां हुई थीं, उसका खामियाजा वर्षों तक कश्मीर को उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि पहली और सबसे बड़ी गलती तब हुई जब हमारी सेना जीत रही थी, पंजाब का क्षेत्र आते ही सीजफायर कर दिया गया और Pok का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि अगर सीजफायर तीन दिन बाद होता तो आज पीओके भारत का हिस्सा होता। इसके अलावा UN में भारत के आंतरिक मसले को ले जाने की गलती की।

'नेहरू ने गलती नहीं, ऐतिहासिक ब्लंडर किया था'

अमित शाह ने कहा कि नेहरू ने गलती नहीं, ऐतिहासिक ब्लंडर किया था। देश का बड़ा भू भाग पाकिस्तान को दे दिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के आंतरिक मुद्दे कश्मीर मुद्दे को नेहरू द्वारा संयुक्त राष्ट्र में ले जाना कोई गलती नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक ब्लंडर किया था।

शाह ने कहा कि 2019 तक जम्मू कश्मीर में थियेटर नहीं चलते थे। धारा 370 खत्म होने के बाद 2021 में जम्मू कश्मीर में पहला थियेटर शुरू हुआ। श्रीनगर में एक मल्टीप्लेक्स बना, 100 से अधिक फिल्मों की शूटिंग फिर से शुरू हुई और कम से कम 100 मूवी थियेटरों के लोन प्रस्ताव बैंक में पेंडिंग हैं।

धारा 370 हटने से क्या हुआ?

अमित शाह ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि जो कहते हैं क्या हुआ धारा 370 हटने से? शाह ने कहा कि मैं सदन को जानकारी देना चाहता हूं कि 5-6 अगस्त, 2019 को इनकी (कश्मीरी) वर्षों से न सुनी जाने वाली आवाज को मोदी जी ने सुना और आज उनको उनका अधिकार मिल रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "मैं यहां जो विधेयक लेकर आया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई। किसी भी समाज में जो लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए, यही भारत के संविधान की मूल भावना है। उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है। इसलिए इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है।"

कश्मीरी पंडितों के आरक्षण पर जवाब

शाह ने कहा कि कुछ लोग पूछ रहे थे कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से क्या होगा? उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से कश्मीर की विधानसभा में उनकी आवाज गूंजेगी और अगर फिर विस्थापन की स्थिति आएगी तो वो उसे रोकेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि जो लोग कहते थे कि जम्मू कश्मीर में क्या हुआ? उन्होंने कहा कि आप तो मूल से ही कटे हो, मूल के साथ संपर्क ही नहीं है, तो कैसे मालूम ​होगा कि जम्मू कश्मीर में बदलाव क्या हुआ।

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विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर जम्मू कश्मीर में बदलाव नहीं मालूम पड़ेगा। आपको बता दें कि इस बिल में प्रवासी कश्मीरियों, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर से विस्थापित व्यक्तियों तथा अनुसूचित जनजातियों को प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए जम्मू और कश्मीर विधानसभा में सीट की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 करने का प्रावधान हैं।

41,844 परिवार हुए विस्थापित 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा, "पाकिस्तान ने 1947 में कश्मीर पर हमला किया जिसमें लगभग 31,789 परिवार विस्थापित हुए...1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए। 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए। यह यह बिल उन लोगों को अधिकार देने का, उन लोगों को प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है..."

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First Published: Dec 06, 2023 3:41 PM

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