श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट (Sri Ram Janambhoomi Trust) के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज (Govind Dev Giri Maharaj) ने विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए मुस्लिम पक्ष से ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid) और मथुरा मस्जिद (Mathura Masjid) को छोड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि मुद्दे (Krishna Janmbhoomi) सौहार्दपूर्ण ढंग से हल हो जाते हैं, तो हिंदू बाकी मंदिरों की ओर नहीं देखेंगे। उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में कहा, "मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि इन तीन मंदिरों (अयोध्या, ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि) को सौंप देना चाहिए, क्योंकि ये आक्रांताओं की तरफ से हमारे ऊपर किए गए हमलों के सबसे बड़े निशान हैं। अगर वे (मुस्लिम पक्ष) इस दर्द को शांति से ठीक कर सकें, तो भाईचारा बढ़ाने में मदद मिलेगी।"
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा, "तीन मंदिर मुक्त होने पर हमें अन्य मंदिरों की ओर देखने की भी इच्छा नहीं है, क्योंकि हमें भविष्य में रहना है, अतीत में नहीं। देश का भविष्य अच्छा होना चाहिए और अगर हमें ये तीन मंदिर (अयोध्या, ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि) शांति से मिल जाएंगे, हम बाकी सभी चीजें भूल जाएंगे।"
उन्होंने कहा कि अयोध्या, ज्ञानवापी और मथुरा में मंदिरों का विध्वंस आक्रमणकारियों के हमलों का सबसे बड़ा दाग है और मुस्लिम पक्ष को इस दर्द को समझना चाहिए।
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी और मथुरा मस्जिदों का निर्माण मुगलों ने भव्य हिंदू मंदिरों को तोड़कर किया था। पिछले महीने, हिंदू वादियों ने दावा किया था कि ASI सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद एक भव्य हिंदू मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी।
पिछले हफ्ते ही वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के एक तहखाने के अंदर पूजा की अनुमति दी थी। ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित है। मथुरा मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से एकदम सटी है।