कई घंटों की नाकाबंदी के बाद, महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में पुलिस ने विरोध में ट्रेन की पटरियों पर बैठे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। एक प्रावइटे स्कूल में 23 साल के सफाईकर्मी ने दो चार-चार साल की बच्चियों के कथित तौर पर यौन शोषण किया, जिसके बाद जनता सड़कों पर उतार आई और पथराव भी हुआ। शहर में अब इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। ANI की फुटेज में पुलिस वालों को एंटी-राइट गियर पहने भीड़ पर लाठीचार्ज करते हुए दिखाया गया। खदेड़ी गई भीड़ में से कुछ लोगों ने जवाब में पुलिस पर पथराव भी किया।
लाठीचार्ज के बाद, कार्रवाई के कुछ ही मिनटों के भीतर, शाम करीब 6:15 बजे के आसपास ट्रैक को खाली करा दिया गया। बदलापुर रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन सुबह 10:10 बजे शुरू हुआ था।
प्रदर्शनकारियों से रेलवे ट्रैक खाली करने के बाद आज शाम बदलापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हो गईं। लोगों ने आज करीब 10 घंटे तक रेलवे स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया।
गुस्साई भीड़ ने नहीं मानी मंत्री की अपील
इससे पहले सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) के कमिश्नर, रवींद्र शिस्वे ने मीडिया से कहा, "ट्रैक को साफ कर दिया गया है और रिपोर्ट रेलवे को भेजी जाएगी, ताकि परिचालन फिर से शुरू किया जा सके।"
भीड़ ने पहले महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन की ट्रैक खाली करने की अपील को मानने से मना कर दिया था।
पुलिस एक्सन पर विपक्ष ने उठाए सवाल
इस बीच, पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए विपक्षी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि कार्रवाई के आदेश सरकार की ओर से आए थे।
चतुर्वेदी ने X पर लिखा, “न्याय मांगने पर लाठीचार्ज किया गया। बहुत हो गया कहने पर लाठीचार्ज किया गया। हमारी बेटियों को सुरक्षित रहने के लिए कहने पर लाठीचार्ज किया गया। यह वो पुलिस नहीं है, जिसे मैं जानती हूं, जिस पर मैंने भरोसा किया है, जिस पर मैंने विश्वास किया है। ये आदेश सरकार की ओर से आया है।”
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जिनके पास गृह विभाग भी है, उन्होंने FIR दर्ज करने में शुरुआती देरी के लिए तीन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करने का आदेश दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की है कि आरोपियों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा।