बिहार (Bihar) राज्य के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने राज्य भर के 60 से ज्यादा सरकारी डॉक्टरों (Government Doctors) को कम से कम एक साल या उससे ज्यादा समय से अनधिकृत अवकाश (unauthorised leave) पर रहने के लिए नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को ये जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों के ऐसे डॉक्टरों के नाम वाला एक नोटिस, विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
विभाग ने लिस्ट में शामिल सभी 62 डॉक्टरों को 15 दिनों के भीतर उनकी 'अनधिकृत अनुपस्थिति' के लिए स्पष्टीकरण देने या सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने का निर्देश दिया।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, “अगर निर्धारित समय के भीतर व्यक्तियों से कोई जवाब नहीं मिलता है, तो यह माना जाएगा कि उनके पास देने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं है। उस मामले में विभाग के पास उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का अधिकार है।"
उन्होंने कहा, "ऐसे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ आचरण नियमों के प्रावधानों के तहत बर्खास्तगी सहित दूसरी कार्रवाई की जाएगी।" अधिकारी ने कहा कि जिन डॉक्टरों को नोटिस दिया गया था, वे कम से कम एक साल से अपनी ड्यूटी पर मौजूद नहीं हैं और कुछ ऐसे भी हैं, जो पिछले पांच से छह साल से काम पर नहीं आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, "विभाग ने पहले डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा था। हालांकि, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जिन डॉक्टरों को नोटिस दिया गया है, उनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों में तैनात डॉक्टर शामिल हैं।"
पटना में सबसे ज्यादा 14 डॉक्टर हैं, जिन्हें कई सालों से अपने कर्तव्यों से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण नोटिस दिया गया है।
साथ ही बक्सर, भोजपुर, रोहतास, जमुई और कैमूर सहित दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया है।
जनवरी में बिहार सरकार ने राज्य के अलग-अलग जिलों और अस्पतालों में तैनात 64 डॉक्टरों को सेवा से पांच साल से ज्यादा समय से 'अनधिकृत अनुपस्थिति' के लिए बर्खास्त कर दिया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि कदम उठाने से पहले, संबंधित सरकारी डॉक्टरों को उनकी अनुपस्थिति का कारण बताने के लिए कई मौके दिए गए थे, लेकिन उन्होंने अपना जवाब पेश नहीं किया।