Mahadev Betting App Scam: महादेव बेटिंग ऐप मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने एक और चार्जशीट फाइल की है और इसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी नाम शामिल है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस के लिए सीएम का मतलब चीफ मिनिस्टर कभी नहीं था, यह सिर्फ करप्शन मिनिस्टर था। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने रूपे कार्ड (RuPay card) दिया और कांग्रेस ने भूपे कार्ड (Bhupe Card) दिया। 15 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में एक और अहम खबर ये भी है कि मामले की जांच कर रही एसआईटी ने पहली गिरफ्तारी की है। मुंबई क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में 27 वर्षीय दीक्षित कोठारी को गिरफ्तार किया गया है।
घोटाले में दीक्षित कोठारी की क्या थी भूमिका
एसआईटी के मुताबिक इस मामले में दीक्षित कोठारी मुख्य आरोपियों में था। उसके ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल करके ही महादेव ऐप से जुड़े वेबसाइट का डोमेन लिया गया था। दीक्षित ही पिछले दो साल से इसके मेंटेनेंस के लिए 20 लाख रुपये की फीस चुका रहा था। इस मामले के और भी आरोपी हिरासत में हैं, लेकिन वे दुबई में हैं। महादेव ऐप के मालिक रवि उप्पल को पिछले साल 14 दिसंबर 2023 को दुबई में हिरासत में लिया गया था। दुबई पुलिस ने ईडी के आग्रह पर इंटरपोल की तरफ से जारी रेड कॉर्नर नोटिस पर यह कार्रवाई की थी। ऐप के एक और मालिक सौरभ चंद्राकर भी दुबई में नजरबंद है। उसके खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था। अब इन्हें वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है।
चार्जशीट में भूपेश बघेल का नाम आने से गरमा सकती है सियासत
अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुए थे और इसमें महादेव बेटिंग ऐप स्कैम छाया हुआ था। अब इस मामले में छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल का नाम शामिल हुआ है तो एक बार फिर इसके चलते सियासत गरमाने के संकेत है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजार पूनावाला का कहना है कि कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ सिर्फ एक एटीएम थी और वे इसे दोनों हाथों से लूट रहे थे। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को 500 करोड़ घूस मिलने की बात अब साबित हो चुकी है और इसका सबूत बाहर आ चुका है। भूपेश बघेल का नाम जिस चार्जशीट में आया है, वह महादेव ऐप के प्रमोटर्स की तरफ से करीब 508 करोड़ रुपये का घूस लेने के आरोपों से जुड़ा हुआ है। ईडी ने इसे 1 जनवरी 2024 को छत्तीसगढ़ में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत विशेष कोर्ट के सामने दायर किया है।