एक साथ एक से ज्यादा नौकरियां करने को Moonlighting Trend कहा जाता है। इंडिया में खासकर आईटी सेक्टर में यह ट्रेंड बढ़ रहा है। यह ट्रेंड तब सुर्खियों में आज जब फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी (Swiggy) ने अपने एंप्लॉयीज को ऑफिस ऑवर्स के बाद या वीकेंड में दूसरी नौकरी करने की इजाजत दे दी। इस पॉलिसी को लेकर नई बहस शुरू हो गई है।
इस बहस में इंडस्ट्री के दिग्गज भी शामिल हो गए हैं। दिग्गज आईटी कंपनी Wipro के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन रिशद प्रेमजी इसे 'धोखा' मानते हैं। उधर, Infosys के पूर्व डायरेक्टर मोहनदास पई का कहना है कि इसमें कोई खराबी नहीं है। उनकी दलील है कि एंप्लॉयमेंट एक व्यक्ति और कंपनी के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट होता है। कंपनी रोजाना पहले से तय घंटे काम करने के लिए एंप्लॉयी को सैलरी देती है। उसके बाद एंप्लॉयी क्या करता है, यह उसकी आजादी है।
Tech Mahindra के एमडी और सीईओ सीपी गुरनानी ने हाल में एक कार्यक्रम में कहा था कि मौका मिलने पर वह मूनलाइटिंग पॉलिसी को अपनी कंपनी में लागू कर सकते हैं। लेकिन, इसे लेकर एंप्लॉयीज की सोच ओपन होनी चाहिए। यह साफ है कि इंडस्ट्री के दिग्गजों की इस बारे में एक राय नहीं है।
कुछ कंपनियों के HR हेड ने सीएनबीसी टीवी18 को बताया कि अगर एंप्लॉयीज कंपनी को इंफॉर्म किए बगैर दूसरी नौकरी करते पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जा सकता है। इससे जाहिर है कि एक-दो कंपनियों को छोड़ दें तो अभी इंडिया में माहौल इसके फेवर में नहीं है।
इस बारे में कानूनी स्थिति जानने के लिए हमने इंडसलॉ के पार्टनर वैभव भारद्वाज से कई सवाल पूछे। यहां पेश है उन सवालों के जवाब:
एक व्यक्ति एक साथ कितनी नौकरियां कर सकता है?
एक व्यक्ति एक साथ कितनी नौकरियां कर सकता है, इस बारे में कानून के लिहाज से किसी तरह की सीमा तय नहीं कई गई है। सिर्फ फैक्ट्री में काम करने वाले लोगों के लिए ऐसी पाबंदी है। इसलिए आप जिस कंपनी में काम करते हैं, उसकी एंप्लॉयमेंट शर्त में अगर आपको बाहर काम करने से नहीं रोका गया है तो आप एक साथ एक से ज्यादा नौकरियां कर सकते हैं।
क्या मूनलाइटिंग गैरकानूनी है?
ज्यादातर कंपनियां एक्सक्लूसिव एंप्लॉयमेंट पर जोर देती हैं। इसका मतलब है कि उनकी पॉलिसी में एंप्लॉयी के दूसरी जगह नौकरी करने की इजाजत नहीं होती है। अगर एंप्लॉयमेंट की शर्त में यह बात शामिल है तो एंप्लॉयी के दूसरी नौकरी में काम करने पर कंपनी उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
कंपनियां काम के घंटों के बाद एंप्लॉयी को दूसरी जगह नौकरी करने की इजाजत क्यों नहीं देती हैं?
इसकी पहली वजह 'हितों का टकराव' है। इसकी संभावना है कि एक कंपनी के एंप्लॉयी के दूसरी कंपनी में भी काम करने पर कंपनियों के हित आपस में टकरा सकते हैं। दोनों कंपनियों के एक ही सेक्टर में होने पर ऐसा होना स्वाभाविक है।
दूसरी वजह गोपनीयता है। एंप्लॉयी के दूसरी कंपनी में काम करने पर पहली कंपनी की गोपनीय जानकारियां लीक हो जाने का खतरा है। ऐसा होने पर पहली कंपनी को नुकसान पहुंच सकता है। इसका उलट भी हो सकता है। यानी दूसरी कंपनी की गोपनीय जानकारियां पहली कंपनी को मिल सकती हैं।
तीसरी वजह है प्रोडक्टिविटी में कमी। एक व्यक्ति के काम करने की क्षमता सीमित होती है। एक जगह काम करने के बाद उसका एनर्जी लेवल कम हो सकता है। इसका असर दूसरी कंपनी में उसकी प्रोडक्टिविटी पर पड़ सकता है। इसका उलट भी हो सकता है।