Credit Cards

जल्द कराई जाएगी जनगणना, जाति जनगणना पर अभी नहीं कोई फैसला, सरकारी सूत्रों ने दी जानकारी

पिछले साल संसद की ओर से पारित महिला आरक्षण अधिनियम का कार्यान्वयन भी दशकीय जनगणना से जुड़ा हुआ है। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने संबंधी कानून इस अधिनियम के लागू होने के बाद होने वाली पहली जनगणना के प्रासंगिक आंकड़ों के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद लागू होगा

अपडेटेड Sep 15, 2024 पर 5:43 PM
Story continues below Advertisement
जल्द कराई जाएगी जनगणना, जाति जनगणना पर अभी नहीं कोई फैसला (FILE PHOTO)

सरकार ने दशकीय जनगणना कराने की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन इस प्रक्रिया में जाति संबंधी ‘कॉलम’ शामिल करने पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि दशकीय जनगणना जल्द ही कराई जाएगी। भारत में 1881 से हर 10 साल में जनगणना की जाती है। इस दशक की जनगणना का पहला चरण 1 अप्रैल, 2020 को शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन Covid-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा।

पिछले साल संसद की ओर से पारित महिला आरक्षण अधिनियम का कार्यान्वयन भी दशकीय जनगणना से जुड़ा हुआ है। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने संबंधी कानून इस अधिनियम के लागू होने के बाद होने वाली पहली जनगणना के प्रासंगिक आंकड़ों के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद लागू होगा।

पुरजोर तरीके से उठ रही जाति जनगणना


न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, दशकीय जनगणना में जाति संबंधी कॉलम शामिल करने के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने कहा, "इस पर निर्णय होना अभी बाकी है।" राजनीतिक दल जाति जनगणना कराने की पुरजोर तरीके से मांग कर रहे हैं।

नए आंकड़े नहीं होने के कारण सरकारी एजेंसियां ​​अब भी 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर नीतियां बना रही हैं और सब्सिडी आवंटित कर रही हैं।

कैसे इकट्ठा होगा डेटा?

जनगणना के तहत घरों को लिस्टेड करने का चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपग्रेड करने का कार्य 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक पूरे देश में किया जाना था, लेकिन Covid-19 के प्रकोप के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि पूरी जनगणना और NPR प्रक्रिया पर सरकार के 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने की संभावना है। यह पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसके जरिए नागरिकों को खुद गणना करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए जनगणना प्राधिकरण ने एक सेल्फ कैलकुलेशन पोर्टल तैयार किया है, जिसे अभी लॉन्च नहीं किया गया है।

सेल्फ कैलकुलेशन के दौरान आधार या मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से इकट्ठा किया जाएगा।

Population Census: मोदी सरकार सितंबर में शुरू कर सकती है जनगणना, 2026 तक नतीजे आने की उम्मीद

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।