देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस (COVID-19) के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron India) को लेकर सरकार अब सख्त हो रही है। भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को फिर से स्पेशल गाइडलाइंस जारी किया है। केंद्र सरकार ने देश में बढ़ते COVID-19 मामलों के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उनसे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से सुधार लाने निर्देश दिया है।
कोविड-19 मामलों के बढ़ने की आशंका के बीच केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन मामलों से निपटने के वास्ते अस्थायी अस्पताल (Makeshift Hospitals) बनाने की प्रक्रिया शुरू करने और घरों में होम आइसोलेशन में मरीजों की निगरानी के लिए विशेष टीमों का गठन करने की सलाह दी है।
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के निर्देश
सभी मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Health Secretary Rajesh Bhushan) ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर (health infrastructure) में समय पर और तेजी से सुधार के महत्व पर फिर से जोर देना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि यह तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब मामलों में अचानक वृद्धि हो रही है। तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए मामलों में संभावित वृद्धि से निपटने के लिए, केंद्र ने राज्यों से हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता बढ़ाने के वास्ते अस्थायी अस्पतालों का निर्माण शुरू करने को कहा है।
भूषण ने कहा कि यह डीआरडीओ और सीएसआईआर के साथ-साथ निजी क्षेत्र, निगमों, गैर सरकारी संगठनों आदि के समन्वय के साथ किया जा सकता है। इससे अस्थायी अस्पतालों के तेजी से निर्माण की प्रक्रिया में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में सकारात्मक मामलों में मरीजों को घरों पर क्वारंटाइन में रखने की स्थिति वाले हो सकते हैं।
होम आइसोलेशन मामलों की निगरानी के लिए होगा विशेष टीमों का गठन
उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि सभी राज्य अपने होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल और जमीनी स्तर पर इसके वास्तविक कार्यान्वयन की निगरानी करें। उन्होंने कहा कि सभी होम आइसोलेशन मामलों की निगरानी के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाना चाहिए, कॉल सेंटर या नियंत्रण कक्ष को ऐसे रोगियों की निगरानी के वास्ते सहायता करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे सभी मामलों को समर्पित एम्बुलेंस के माध्यम से एक उपयुक्त स्वास्थ्य केंद्र में शिफ्ट किया जा सके।
भूषण ने कहा कि राज्यों से यह भी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि मौजूदा कोविड समर्पित हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर दोबारा गौर किया जाए और इसकी परिचालन क्षमता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों और बाल चिकित्सा मामलों पर भी स्पष्ट ध्यान दिया जाना चाहिए। राज्यों को राज्य में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में आवश्यक रसद, ऑक्सीजन की उपलब्धता और दवाओं के भंडार की नियमित रूप से समीक्षा करने की आवश्यकता है।