Get App

क्या बाइडेन सरकार भारत में चुनावी नतीजों को प्रभावित करना चाहती थी? जानिए क्या है सच

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंडियन इलेक्शन के लिए यूएस फंडिंग को किकबैक स्कीम बताई है। हालांकि, सच क्या है यह तो जांच के बाद सामने आएगा। लेकिन, अगर ट्रंप का संदेह सही है तो यह काफी गंभीर मामला है। हजारों किलोमीटर दूर स्थित एक देश की इंडिया के चुनाव में आखिर इतनी दिलचस्पी की वजह क्या हो सकती है

अपडेटेड Feb 21, 2025 पर 6:25 PM
Story continues below Advertisement
ट्रंप ने 19 फरवरी को इंडिया में चुनाव में अमेरिकी हस्तक्षेप की तरफ भी इशारा किया था।

इंडिया में इलेक्शन को अमेरिकी फंडिंग को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे मामले ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद नया मोड़ ले लिया है। ट्रंप ने 20 फरवरी को कहा कि इंडिया में मतदान की संख्या बढ़ाने (वोटर टर्नआउट) के लिए कथित अमेरिकी फंडिंग एक 'किकबैक स्कीम' है। उन्होंने कहा कि इस बारे में किसी को कुछ पता नहीं है। वॉशिंगटन में रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन को अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कई अहम बातें कहीं।

इंडिया में मतदान बढ़ाने के लिए 170 करोड़ रुपये खर्च

ट्रंप ने कहा, "इंडिया में वोटर टर्नआउट के लिए 2.1 करोड़ डॉलर खर्च। हमें इंडिया में चुनाव में मतदान की इतनी चिंता क्यों है? हमारी खुद की ही कई प्रॉब्लम्स हैं। हम अपने देश में टर्नआउट बढ़ाना चाहते हैं। क्या हम सोच सकते हैं कि यह पूरा पैसा इंडिया जा रहा है। मैं इस बात से हैरान हूं कि जब उन्हें यह पैसा मिलता होगा तो वे क्या सोचते होंगे।" ट्रंप के इस बयान ने कई बड़े सवाल पैदा किए हैं। आखिर हजारों किलोमीटर दूर देश में होने वाले चुनाव की इतनी चिंता अमेरिका को क्यों रहती है?


ट्रंप ने अमेरिकी फंडिंग को किकबैक स्कीम कहा

ट्रंप ने कहा, "यह एक किकबैक स्कीम है। यह पैसा उन्हें मिलता है। वे इसे खर्च करते हैं। बाद में वे इस पैसे को उन लोगों को वापस कर देते हैं, जिन्होंने इसे भेजा था। मैं यह बताना चाहता हूं कि ऐसे कई मामलों में आपको यह पता नहीं होता कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं। इसका मतलब है कि यह किकबैक है, क्योंकि किसी को यह पता नहीं होता कि यह क्या हो रहा है।" चूंकि इस अमेरिकी फंडिंग का संबंध पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार से है, जिससे ट्रंप को इस मौके का राजनीतिक फायदा उठाने का मौका मिल गया है। इसकी आड़ में वह पूर्व राष्ट्रपति की सरकार को कठघरे में खड़ा करने का मौका चूकना नहीं चाहते।

इंडिया के इलेक्शन में अमेरिका का हस्तक्षेप

ट्रंप ने 19 फरवरी को इंडिया में चुनाव में अमेरिकी हस्तक्षेप की तरफ भी इशारा किया था। उनका निशाना पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन थे। उन्होंने पूछा था कि आखिर भारत में मतदान की संख्या बढ़ाने के लिए अमेरिका को 2.1 करोड़ डॉलर खर्च करने की जरूरत क्यों है? उन्होंने सवाल किया कि क्या पूर्व अमेरिकी सरकार इंडिया में किसी और पार्टी या गठबंधन को चुनाव में जीत दिलाना चाहती थी। उन्होंने यह संदेह जताया कि यह इंडिया में चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है। सवाल यह भी है कि आखिर अमेरिकी सरकार को इंडिया में चुनाव को प्रभावित करने से क्या फायदा होगा?

यह भी पढ़ें: कौन हैं काश पटेल? जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप ने बनाया FBI का नया डायरेक्टर

किकबैक स्कीम का मतलब

ट्रंप ने जिस किकबैक स्कीम के बारे में बताया है, उसका मतलब ऐसी स्कीम से है जिसमें पहले घूस देकर किसी को काम को कराया जाता है। फिर काम हो जाने के बाद घूस देने वाले को न सिर्फ अपना पैसा वापस मिल जाता है बल्कि उसे खर्च किए पैसे के मुकाबले काफी ज्यादा फायदा होता है। दुनिया में इस तरह की किकबैक स्कीम का इस्तेमाल कई कामों के लिए होता है। लेकिन, अमेरिका जैसे देश में सरकार के इस तरह की किकबैक स्कीम में शामिल होने के आरोप चौंकाने वाले हैं।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Feb 21, 2025 5:59 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।