भारतीय मूल के काश पटेल को अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। अमेरिकी सीनेट ने 51-49 वोटों से उनके नाम की पुष्टि की। इसके साथ ही वे डोनाल्ड ट्रंप कैबिनेट के सबसे हाई-प्रोफाइल नियुक्तियों में से एक में शामिल हो गए हैं। पटेल की नियुक्ति को लेकर डेमोक्रेट्स ने कड़ा विरोध जताया, लेकिन वे इसे रोक नहीं सके। हालांकि, दो रिपब्लिकन सीनेटर सुसान कॉलिन्स और लिसा मर्कोव्स्की ने भी पटेल के खिलाफ मतदान किया।
FBI प्रमुख बनने के बाद काश पटेल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी का आभार जताया और कहा कि वे इस एजेंसी में पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय की बहाली सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा, "अमेरिकी जनता एक पारदर्शी और निष्पक्ष FBI की हकदार है। हमारी न्याय व्यवस्था का राजनीतिकरण जनता का भरोसा खो चुका है, लेकिन यह आज से खत्म होगा।"
पटेल ने FBI अधिकारियों के साथ मिलकर एजेंसी को फिर से मजबूत बनाने और जनता के विश्वास को वापस लाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने अपराधियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा, "जो भी अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा – हम उसे दुनिया के हर कोने में खोज निकालेंगे। मिशन पहले, अमेरिका हमेशा!"
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पटेल की नियुक्ति पर खुशी जताते हुए कहा, "आज सीनेट ने काश पटेल को FBI डायरेक्टर के रूप में मंजूरी दी। मैं सभी नियुक्तियों को बधाई देता हूं।" उन्होंने कहा, "काश एक शानदार वकील, इन्वेस्टिगेटर और 'अमेरिका फर्स्ट' योद्धा हैं, जिन्होंने हमेशा भ्रष्टाचार उजागर किया और न्याय की रक्षा की है।" बता दें ट्रंप ने चुनाव से पहले ही संकेत दिए थे कि उनकी सरकार आने पर पटेल अमेरिका में बढ़ती मानव तस्करी और ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने में अहम भूमिका निभाएंगे।
विपक्षियों ने बदले की कार्रवाई की जताई आशंका
डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा कि पटेल "खतरनाक रूप से राजनीतिक रूप से चरमपंथी" हैं और FBI को अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, रिपब्लिकन नेताओं का मानना है कि काश पटेल FBI में सुधार लाएंगे और जनता का खोया हुआ विश्वास वापस दिलाएंगे।
बता दें काश पटेल का असली नाम काश्यप प्रमोद पटेल है। वे 25 फरवरी, 1980 को न्यूयॉर्क में पैदा हुए थे। उनके माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से आए गुजराती अप्रवासी थे। काश ने कानून के क्षेत्र में अपना करियर बनाया।
ट्रंप की पहली सरकार में वे राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय (ODNI) और रक्षा विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में रहते हुए उन्होंने एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसमें FBI की रूस-ट्रंप चुनाव जांच पर सवाल उठाए गए थे। उन्होंने अमेरिका के रक्षा मंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी काम किया हुआ है।
पटेल ने FBI और जस्टिस डिपार्टमेंट में बड़े सुधारों की बात कही है। उन्होंने साफ किया कि वह कानून तोड़ने वालों को न्याय दिलाने में विश्वास रखते हैं, न कि राजनीतिक बदले में। उन्होंने कहा, "FBI के सभी कर्मचारी राजनीतिक बदले की कार्रवाई से सुरक्षित रहेंगे। मेरा लक्ष्य है। FBI को फिर से अमेरिकी जनता के लिए गर्व का संस्थान बनाना।"
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