'भारत के 1.4 अरब लोग हमारा मक्का क्यों नहीं खरीदते...,' अमेरिकी वाणिज्य सचिव ल्यूटनिक ने और टैरिफ की दी चेतावनी!

Trump tariffs: ल्यूटनिक ने कहा कि अमेरिका व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए 'दूसरे तरीके से टैरिफ' लगाएगा, और कंपनियों को दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता के साथ व्यापार करने के लिए इन शर्तों को स्वीकार करना होगा।

अपडेटेड Sep 14, 2025 पर 10:07 PM
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हावर्ड ल्यूटनिक का यह बयान ट्रंप प्रशासन के भारत पर 50% तक के टैरिफ लगाने के बीच आया है

US Commerce Secretary Lutnick: अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड ल्यूटनिक ने एक बार फिर भारत पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने भारत पर अमेरिकी उत्पादों को रोकने और खुद अमेरिकी बाजार का लाभ उठाने का आरोप लगाया है। एक इंटरव्यू में ल्यूटनिक ने विशेष रूप से भारत के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स के व्यापार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में 1.4 अरब लोग होने के बावजूद, वह अमेरिका से मामूली मात्रा में भी मक्का नहीं खरीदता है। उनका यह बयान दोनों देशों के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच आया है।

'आप फायदा उठाते हैं और हमें ब्लॉक करते हैं'

वाशिंगटन द्वारा भारत जैसे सहयोगियों के साथ टैरिफ के माध्यम से संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल पर, ल्यूटनिक ने कहा कि 'यह संबंध एकतरफा है।' उन्होंने कहा, 'वे हमें बेचते हैं और हमारा फायदा उठाते हैं। वे हमें अपनी अर्थव्यवस्था से रोकते हैं, जबकि हमारा बाजार उनके लिए खुला है, और वे इसका लाभ उठाते हैं।' अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, राष्ट्रपति का कहना है, 'व्यापार निष्पक्ष और पारस्परिक होना चाहिए'।'


ल्यूटनिक ने कहा, 'भारत इस बात पर डींग मारता है कि उनके पास 1.4 अरब लोग हैं। फिर भी, वे हमारे मक्का का एक भी बुशेल क्यों नहीं खरीदते? यह आपको परेशान नहीं करता कि वे हमें सब कुछ बेचते हैं लेकिन हमारे मक्का को नहीं खरीदते? वे हर चीज पर टैरिफ लगाते हैं।' ल्यूटनिक ने आगे कहा कि अमेरिका इस असंतुलन को ठीक करने के लिए 'दूसरे तरीके से टैरिफ' लगाएगा, और कंपनियों को दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता के साथ व्यापार करने के लिए इन शर्तों को स्वीकार करना होगा।

50% टैरिफ पर क्या है भारत का रूख

ट्रंप प्रशासन ने पहले ही भारत पर 50% तक के कड़े टैरिफ लगाए हैं। इन दंडों में रूस से कच्चे तेल की भारत की खरीद पर 25% का टैरिफ भी शामिल है, जो किसी भी देश पर लगाए गए सबसे सख्त दंडों में से एक है। भारत ने इन अमेरिकी उपायों को 'अनुचित, अनुचित और गैर-उचित' बताया है। नई दिल्ली ने रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए लगातार कहा है कि ऊर्जा की खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता पर आधारित है, और यह एक संप्रभु निर्णय है जिसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: Sep 14, 2025 10:07 PM

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