दुनिया के सबसे बड़े हेज फंड Bridgewater Associates के फाउंडर रे डालियो (Ray Dalio) ने इंडिया की इकोनॉमी पर जबर्दस्त भरोसा जताया है। उन्होंने कहा है कि आने वाले सालों में इंडिया रिकॉर्ड ग्रोथ हासिल करेगा। उन्होंने दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट 2023 में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इंडिया का भविष्य उज्ज्वल है। डालियो का यह बयान IMF के इंडियन इकोनॉमी को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी घोषित करने के कुछ महीने बाद आया है। आईएमएफ ने ग्राॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के आधार पर इंडिया को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बताया है।
इंडिया में सबसे ज्यादा बदलाव देखने को मिलेगा
डालियो ने कहा, "पिछले 10 साल की स्टडी के आधार पर हमें लगता है कि इंडिया का ग्रोथ रेट दुनिया में सबसे ज्यादा होगा। दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले इंडिया में सबसे ज्यादा बदलाव देखने को मिलेगा।" गल्फ न्यूज में अपनी खबर में ये बातें बताई हैं। उन्होंने यह भी कहा, "इंडिया की स्थिति बहुत दिलचस्प है। यहां कुछ परिवारों का प्रभाव है। यह बहुत खुला हुआ नहीं है। यहां प्रवेश करना आसान नहीं है। लेकिन यह बहुत अच्छा करेगा।"
IMF इंडिया को पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बता चुका है
IMF ने कहा था कि इंडिया की इकोनॉमी ने इंग्लैंड को पीछे छोड़ दिसंबर 2021 तिमाही में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गई है। बाद में उसने 2022 के अंत में इंडिया की जीडीपी 3.53 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाने की उम्मीद जताई थी। यह सिर्फ अमेरिका (25.35 ट्रिलियन डॉलर), चीन (19.91 ट्रिलियन डॉलर), जापान (4.91 ट्रिलियन डॉलर) और जर्मनी (4.26 ट्रिलियन डॉलर) से पीछे है।
अमेरिका और चीन में वर्चस्व की लड़ाई
ब्रिजवाटर एसोसिएट्स के फाउंडर ने यह भी कहा कि अमेरिका और चीन में ताकत की लड़ाई है। लेकिन, इंडिया जैसे तटस्थ देश आगे बढ़ेंगे। गल्फ न्यूज ने लिखा है कि डालियो ने यूएई के मिनिस्टर मोहम्मद बिन अब्दुल्ला से बातचीत में कहा, "लड़ाई से दूर रहने वाले देशों को फायदा होगा।"
पिछले साल डालियो कंपनी के प्रबंधन से अलग हो गए थे
पिछले साल ब्रिजवाटर एसोसिएट्स के फाउंडर ने 12 साल तक कंपनी का प्रबंधन करने के बाद अपने अधिकार बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को ट्रांसफर कर दिए थे। 30 सितंबर, 2022 को उन्होंने अपने पूरे वोटिंग राइट्स बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को सौंप दिए थे। फिर उन्होंने को-चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर का पद छोड़ दिया था। उनका मकसद युवा पीढ़ी को नेतृत्व का मौका प्रदान करना था।