Economy: भारत की विकास रफ्तार को लेकर चिंता, अमेरिकी ब्याज दरों और डॉलर का असर होगा अहम

अमेरिका में मुद्रास्फीति अप्रैल 2024 में अपेक्षा से कम रही, श्रम विभाग के ब्यूरो ऑफ ब्यूरो स्टेटिस्टिक्स के जरिए 15 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार मुद्रास्फीति 0.3 प्रतिशत बढ़ी

अपडेटेड May 18, 2024 पर 10:53 PM
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भारत के विकास की रफ्तार को खतरा हो सकता है।

ढीले वित्तीय हालात और अमेरिका में ब्याज दरों और डॉलर के अनिश्चित भविष्य के चलते भारत के विकास की रफ्तार को खतरा हो सकता है। ये सब भारत के चीफ इकोनॉमिक्स एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन ने हाल ही में कहा। उन्होंने कैपिटल एक्सपेंडिचर में प्रगति और जीएसटी व्यवस्था के स्थिरीकरण की सराहना करते हुए आगे कहा कि इससे पिछले दशक की तुलना में भारत की जीडीपी वृद्धि क्षमता 7 प्रतिशत तक पहुंच गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब 'जियोपोलिटिकल रिस्क बहुत अधिक हैं', भारत को हाई ग्रोथ रेट को बनाए रखने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। इन जोखिमों में ग्लोबल बिजनेस में मंदी और जियोपोलिटिकल अनिश्चितता शामिल हैं।

ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी

नागेश्वरन ने आगे कहा कि आने वाले सालों में ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एक महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर है, जिसका हमें सामना करना होगा। यह एक ऐसा रिस्क फैक्टर है, जो अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन भारत में हमारे अपने मार्केट वैल्यूएशन की स्थिति को देखते हुए हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है।


मुद्रास्फीति में कमी

अमेरिका में मुद्रास्फीति अप्रैल 2024 में अपेक्षा से कम रही, श्रम विभाग के ब्यूरो ऑफ ब्यूरो स्टेटिस्टिक्स के जरिए 15 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार मुद्रास्फीति 0.3 प्रतिशत बढ़ी। इससे सितंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के जरिए ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें जगीं। हालांकि, कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अमेरिका एक अनुकूल आंकड़े पर प्रतिक्रिया करने की संभावना नहीं है और ब्याज दरों में कटौती पर विचार करने से पहले मुद्रास्फीति में लगातार कमी का इंतजार कर सकता है।

रुपये में स्थिरता

दूसरी ओर, रुपये कई फैक्टर के कारण दबाव में है। रॉयटर्स की 16 मई की रिपोर्ट के अनुसार, जहां फेड दर में कटौती की संभावना बढ़ने से ज्यादातर एशियन करेंसी में तेजी आई, वहीं स्थानीय तेल कंपनियों और विदेशी बैंकों की मजबूत डॉलर मांग के कारण रुपये स्थिर बना हुआ है।

आर्थिक विकास दर

इससे पहले इस महीने, नागेश्वरन ने कहा था कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तीन तिमाहियों के आंकड़े पूरे वर्ष के लिए 8 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर की ओर इशारा करते हैं। 2023-24 के लिए जीडीपी के दूसरे अग्रिम अनुमान में, भारत के स्टेटिस्टिक्स मंत्रालय ने पिछले वर्ष की विकास दर 7.6 प्रतिशत आंकी थी, जो इसके पहले अग्रिम अनुमान 7.3 प्रतिशत से 30 आधार अंक अधिक है।

MoneyControl News

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First Published: May 18, 2024 10:53 PM

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