रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) ने वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान ( GDP Growth Forecast) को 7.3 फीसदी पर बरकरार रखा है। इस समय दुनिया के अधिकतर देशों में महंगाई के साथ मंदी के गिरफ्त जाने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में क्रिसिल की भारत को लेकर आई यह रिपोर्ट कुछ उम्मीद जगाने वाली है।
हालांकि एसएंडपी ग्लोबल की इस भारतीय यूनिट ने यह भी कहा कि कुछ ऐसे जोखिम भी हैं, जिसके चलते आने वाले समय में इस ग्रोथ अनुमान में कमी भी देखी जा सकती है। क्रिसिल ने कहा कि भारत सहित पूरी दुनिया इस समय कई मोर्चों पर परेशानियों से जूझ रही है।
क्रिसिल ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, "रूस-यूक्रेन जंग के खत्म होने के संकेत नहीं दिख रहे हैं। इस जंग के चलते कमोडिटी मार्केट में जो भूचाल आया है, वह भी शांत नहीं हो रहा है। हाल के के दिनों ढुलाई लागत में कुछ कमी जरूर आई है, लेकिन अगर युद्ध के पहले की स्थिति से तुलना करें, तो यह अभी भी काफी ऊंचे स्तर पर बनी हुई है।"
यह संकेत देता है कि युद्ध के जारी रहने का जो असर है, वो भारतीय अर्थव्यवस्था ने आत्मसात कर लिया है और अब इसमें इसके अधिक और गिरावट की उम्मीद कम है। युद्ध जारी रहने से भारत के इंपोर्ट बिल में बढ़ोतरी और महंगाई दर में उछाल देखने को मिली है। वैसे भी भारत दुनिया के सबसे अधिक तेल आयात करने वाले देशों में शामिल है।
भारत मौजूदा वित्त वर्ष में 105 से 110 डॉलर प्रति बैरल की औसत कीमत पर तेल आयात करने की उम्मीद कर रहा है। यह पिछले साल की औसत कीमत से करीब 35 फीसदी अधिक है और 2013 के बाद से अब तक की सबसे अधिक कीमत है।
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, "1973 के तेल संकट के बाद, पिछले दो सालों में तेल की कीमतों में आई यह सबसे बड़ी उछाल है। वहीं फर्टिलाइजर्स की कीमतों में 2008 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी उछाल आई है। फर्टिलाइजर्स में नैचुरअल गैस का इस्तेमाल एक इनपुट के तौर पर होता है।"