इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को PLI (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम के तहत 1000 करोड़ रुपये मिले हैं। पीएलआई योजना की कमेटी ने इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर की बेनेफिशियरी फर्मों को ये रुपये जारी किए हैं। यह जानकारी एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने दी है। यह इस वित्त वर्ष का पहला डिस्बर्समेंट है यानी कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने पीएलआई स्कीम के तहत पहला फंड जारी कर दिया है। इससे पहले मार्च 2023 तक सरकार ने इस योजना के तहत 3400 करोड़ रुपये के क्लेम में से 2900 करोड़ रुपये जारी किए थे। यह योजना घरेलू स्तर पर मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है और इससे नौकरियों और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
मोबाइल फोन और स्पेशिफाइड इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स समेत बड़े लेवल की इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग के लिए पीएलआई स्कीम के तहत 32 बेनेफिशियरीज को मंजूरी दी गई थी। इंसेंटिव जारी करने का प्रस्ताव वह मंत्रालय या विभाग जारी करता है जो इस योजना को लागू कर रहा है। इस पर फिर नीति आयोग, डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंफॉर्मेशनल टेक्नोलॉजी (DPIIT), मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशनल टेक्नोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर, डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू, डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) की एक एंपॉवर्ड कमेटी विचार करती है। कमेटी फिर PLI योजना के तहत चुने गए लाभार्थी को इंसेंटिव जारी करने की सिफारिश करती है।
14 सेक्टर्स के लिए हुआ था PLI Scheme
इस योजना का ऐलान 2021 में 14 सेक्टर्स के लिए हुआ था। इसमें बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरर्स, वाइट गुड्स, टेक्सटाइल्स, मेडिकल डिवाइसेज मैनुफैक्चरर्स, ऑटोमोबाइल्स, स्पेशियलिटी स्टील, फूड प्रोडक्ट्स, हाई-एफिशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी, ड्रोन्स और फार्मा के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये की राहत का ऐलान किया गया था। यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और मेडिकल डिवाइसेज के सेक्टर में अच्छा काम कर रही है। वहीं एफिसिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरीज, टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स औ स्पेशियलिटी स्टील सेक्टर में यह योजना जोर नहीं पकड़ पा रही है।