वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने यूनियन बजट 2023 (Union Budget) को गरीब और आम लोगों का ध्यान रखने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने फूड और फर्टिलाइजर सब्सिडी बढ़ाई है। आम लोगों को इनकम टैक्स में राहत दी है। उन्होंने कहा कि इस बजट का फोकस रोजगार के मौके पैदा करने, स्मॉल बिजनेस और कृषि सेक्टर पर है। उन्होंने कहा कि अगले फाइनेंशियल ईयर के बजट में ग्रीन ग्रोथ और हेल्थकेयर पर जोर दिया गया है। कैपिटल एक्सपेंडिचर में रिकॉर्ड वृद्धि कर ग्रोथ इंजन को ताकत दिया गया है। उन्होंने न्यू टैक्स रीजीम (New Tax Regime) में बदलाव को भी आम आदमी के लिए फायदेमंद बताया।
न्यू टैक्स रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ
वित्तमंत्री ने कहा कि न्यू टैक्स रीजीम में 7 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। इससे लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। लोकसभा में यूनियन बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत अट्रैक्टिव है, क्योंकि टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अलावा इस स्कीम में भी 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया गया है।
लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यााद पैसे बचेंगे
उन्होंने कहा कि नई टैक्स रीजीम से बड़ी संख्या में मिडिल-क्लास टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। 7 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर रिबेट दिया गया है। उन्होंने कहा, "चूंकि बढ़ी हुई रिबेट के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है, जिससे लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे।" न्यू टैक्स रीजीम अगले फाइनेंशियल ईयर से लागू हो जाएगी। इसमें 3 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। 3-6 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। 9-12 लाख रुपये की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा। 12 से 15 लाख रुपये की इनकम पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
बजट में फिस्कल कंसॉलिडेशन का भी ध्यान
आरएसपी के सदस्य एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में 4.5 लाख रुपये का निवेश करने पर सालाना 9 लाख रुपये की इनकम वाले व्यक्ति को नई टैक्स रीजीम में फायदा नहीं होगा। इसके जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को सालाना 4.5 लाख रुपये की बचत करना बहुत मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, "9 लाख रुपये कमाई वाले व्यक्ति के लिए हमेशना 4.5 लाख रुपये की सेविंग्स करना मुमकिन नहीं है। इसकी वजह यह है कि उसे अपने परिवार पर खर्च करने के लिए भी पर्याप्त पैसे चाहिए।" उन्होंने कहा कि यूनियन बजट 2023 में फिस्कल कंसॉलिडेशन का भी ध्यान रखा जाएगा।