इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-RA) ने मार्च तिमाही में देश की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स (GDP) की वृद्धि दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 6.9 से 7 फीसदी ग्रोथ रेट की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने यह अनुमान जताया है। सरकार चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ के शुरुआती अनुमान 31 मई को जारी करेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 की जून तिमाही में 8.2 फीसदी, सितंबर तिमाही में 8.1 फीसदी और दिसंबर तिमाही में 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी है।
सिन्हा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि चौथी तिमाही की वृद्धि दर 6.2 फीसदी होगी और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल जीडीपी वृद्धि दर करीब 6.9 से 7 फीसदी रहेगी।’’ उन्होंने कहा कि पहली दो तिमाहियों में वृद्धि दर को लो बेस का फायदा मिला, हालांकि तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर 2023) तिमाही में 8.4 फीसदी की वृद्धि दर चौंकाने वाली थी।
उन्होंने कहा, "जब हम आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं, तो पता चलता है कि GVA और GDP के बीच अंतर है। तीसरी तिमाही में जीडीपी को एक बड़ा प्रोत्साहन हायर टैक्स कलेक्शन से मिला है, लेकिन चौथी तिमाही में ऐसा होने की संभावना नहीं है।"
तीसरी तिमाही में ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 6.5 फीसदी रहा, जबकि जीडीपी वृद्धि दर 8.4 फीसदी रही। यह गिरावट तिमाही के दौरान कलेक्ट किए गए हायर टैक्स के कारण है। पहली तिमाही में जीवीए और जीडीपी वृद्धि 8.2 फीसदी रही, जबकि दूसरी तिमाही में जीवीए 7.7 फीसदी और जीडीपी 8.1 फीसदी रही।
अप्रैल में अपनी मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के संबंध में सिन्हा ने कहा कि जीडीपी में 7.1 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है। सिन्हा ने कहा, "अगर भारतीय मौसम विभाग द्वारा सामान्य से अधिक मानसून की भविष्यवाणी सच साबित होती है, तो ग्रामीण मांग में कुछ सुधार देखने को मिलेगा, जिससे कंज्यूमर डिमांड को समर्थन मिलेगा।"