IIP growth: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 12 मई को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग के खराब प्रदर्शन के कारण मार्च में IIP ग्रोथ 5 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। मार्च में IIP ग्रोथ फरवरी के 5.6 फीसदी से घटकर 1.1 फीसदी पर आ गई है। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 की बात करें तो इस अवधि में औद्योगिक उत्पादन में 5.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। जबकि 2021-22 में यह ग्रोथ 11.4 फीसदी थी। बता दें कि फरवरी के आईआईपी आंकड़े को 5.6 फीसदी से संसोधित करके 5.8 फीसदी कर दिया गया है। 1.1 फीसदी का मार्च IIP ग्रोथ का आंकड़ा 3.2 फीसदी के अनुमान से काफी नीचे है।
मैन्यूफैक्चरिंग और बिजली उत्पादन में आई भारी गिरावट ने दिया बड़ा झटका
मार्च में IIP ग्रोथ आंकड़े में आई इस तेज गिरावट की वजह मैन्यूफैक्चरिंग और बिजली उत्पादन में आई भारी कमी रही है। मार्च महीने में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट फरवरी के 5.6 फीसदी के मुकाबले साल-दर-साल आधार पर मात्र 0.5 फीसदी रही है। बता दें कि आईआईपी में तीन-चौथाई से ज्यादा हिस्सेदारी मैन्यूफैक्चरिंग की होती है। मार्च में बिजली उत्पादन में आई 1.6 फीसदी की गिरावट ने मामला और बिगाड़ दिया। बता दें कि फरवरी में बिजली उत्पादन में 8.2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी।
महीने दर महीने आधार पर मार्च में माइनिंग सेक्टर ग्रोथ फरवरी के 4.6 फीसदी से बढ़कर 6.8 फीसदी पर रही है। जबकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 5.3 फीसदी से घटकर 0.5 फीसदी पर आ गई है। महीने दर महीने आधार पर मार्च में इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ 8.2 फीसदी से घटकर -1.6 फीसदी पर रही है। वहीं, प्राइमरी गुड्स की ग्रोथ रेट फरवरी के 6.8 फीसदी से घटकर 3.3 फीसदी पर रही है।
महीने दर महीने आधार पर मार्च में कैपिटल गुड्स ग्रोथ 10.5 फीसदी से घटकर 8.1 फीसदी पर रही है। वहीं, इंफ्रा गुड्स की ग्रोथ फरवरी के 7.9 फीसदी से घटकर 5.4 फीसदी पर रही है। इसी तरह कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ग्रोथ -4.0 फीसदी से घटकर-8.4 फीसदी पर रह गई है। जबकि नॉन-कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की ग्रोथ 12.1 फीसदी से घटकर -3.1 फीसदी पर रही है।