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'बाबर का सम्मान और भगवान राम की उपेक्षा..' अयोध्या में सीएम योगी ने विपक्ष पर साधा जमकर निशाना

Deepotsav Ayodhya 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हुए उन्हें मिथक बताया था और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दायर किया था। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलाई गई थीं, जो धर्म और आस्था के खिलाफ था

अपडेटेड Oct 19, 2025 पर 6:46 PM
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दिवाली से पहले रविवार को प्रभु राम की नगरी अयोध्या दुल्हन की तरह सजी है।

दिवाली से पहले रविवार को प्रभु राम की नगरी अयोध्या दुल्हन की तरह सजी हैअयोध्या में आज 9वां दीपोत्सव मनाया जा रहा हैराम की पैड़ी समेत सरयू तट पर बने 56 घाटों पर 28 लाख से अधिक दीप जलाए जा रहे हैंइससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे। वहीं इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जोरदार हमला करते हुए उस पर सनातन धर्म का अपमान करने और राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन में बाधा डालने का आरोप लगाया।

रोशनी से जगमग हुई अयोध्या 

अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव 2025 समारोह से पहले एक सभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि जब 2017 में इस पर्व की शुरुआत की गई थी, तब सरकार को 1.71 लाख दीप जलाने के लिए पूरे प्रदेश से दीपक इकट्ठा करने पड़े थे। मुख्यमंत्री ने कहा, "आज अयोध्या लाखों दीपों से रोशन है।" उन्होंने आगे जोड़ा, "ये सिर्फ दीप नहीं हैं, बल्कि 500 साल के अंधकार पर आस्था की विजय का प्रतीक हैं।"

अयोध्या में सीएम योगी ने विपक्ष पर साधा जमकर निशाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हुए उन्हें मिथक बताया था और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दायर किया था। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलाई गई थीं, जो धर्म और आस्था के खिलाफ था। योगी ने आगे कहा कि विपक्षी दलों ने राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने से भी इनकार किया। उन्होंने कहा, "ये वही लोग हैं जो बाबर की कब्र पर सिर झुकाते हैं, लेकिन जब राम मंदिर में आने का निमंत्रण दिया जाता है, तो उससे मना कर देते हैं।"


योगी आदित्यनाथ ने कहा, "सदियों से विदेशी आक्रांताओं ने हमारे पूजा स्थलों को नष्ट करने और हमारी आस्था को कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन हमारा विश्वास कभी नहीं डगमगाया।" उन्होंने आगे कहा, "1947 में आज़ादी मिलने के बाद हर भारतीय चाहता था कि देश गुलामी के प्रतीकों से मुक्त होकर राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से स्वतंत्र बने, लेकिन अयोध्या की उपेक्षा की गई। 1949 में जब भक्तों ने भगवान राम को उनके असली स्थान पर स्थापित करने की कोशिश की, तो उन्हें रोका गया। इसके बावजूद हमारा संकल्प अडिग रहा।"

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