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Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार 2.1 अरब डॉलर घटकर 688 अरब डॉलर पर पहुंचा

पिछले हफ्ते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिली। 18 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 2.163 अरब डॉलर घटकर 688.267 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से 25 अक्टूबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक, इससे पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में 10.746 अरब डॉलर की गिरावट रही थी और यह 690.43 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। यह हाल के समय में सबसे बड़ी गिरावट थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 25, 2024 पर 7:22 PM
Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार 2.1 अरब डॉलर घटकर 688 अरब डॉलर पर पहुंचा
सितंबर के आखिर में विदेशी मुद्रा भंडार ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था।

पिछले हफ्ते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिली। 18 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 2.163 अरब डॉलर घटकर 688.267 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से 25 अक्टूबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक, इससे पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में 10.746 अरब डॉलर की गिरावट रही थी और यह 690.43 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। यह हाल के समय में सबसे बड़ी गिरावट थी।

इस गिरावट से पहले के हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.709 अरब डॉलर गिरकर 701.176 अरब डॉलर हो गया। सितंबर के आखिर में विदेशी मुद्रा भंडार ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। 18 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में फॉरेन करेंसी एसेट्स 3.865 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 598.236 अरब डॉलर पर पहुंच गई। फॉरेन करेंसी एसेट्स, विदेश मुद्रा भंडार का अहम कंपोनेंट है।

फॉरेन करेंसी एसेट्स के बारे में डॉलर के हिसाब से जानकारी दी जाती है। इसके तहत फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में मौजूद यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मजबूती-कमजोरी के असर को शामिल किया जाता है। संबंधित अवधि में गोल्ड रिजर्व 1.786 मिलियन डॉलर बढ़कर 67.444 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसके अलावा, स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDRs) 68 मिलियन डॉलर घटकर 18.271 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ भारत का रिजर्व 16 मिलियन डॉलर की गिरावट 4.316 अरब डॉलर हो गया। भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली की वजह से करेंसी मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपये 84.08 के लेवल पर क्लोज हुआ है। अक्टूबर महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर्स बेचकर अपने पैसे निकाले हैं, जिसके चलते शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है और इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ा है।

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