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Indian GDP: इस फाइनेंशियल ईयर में कितनी रह सकती है जीडीपी? NIPFP ने जताया ये अनुमान

IMF ने चुनावी वर्ष में राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए भारत की सराहना करते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और दुनिया का उज्ज्वल स्थान बनी हुई है

अपडेटेड Apr 26, 2024 पर 9:05 PM
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Indian Economy Growth: देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) ने भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। एनआईपीएफपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि केंद्र टैक्स में उछाल और राजस्व खर्च में कमी के माध्यम से राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर है।

वृद्धि मजबूत

आर्थिक शोध संस्थान ने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र से महत्वपूर्ण पूंजीगत खर्च ट्रांसफर के कारण राज्यों में पूंजीगत खर्च वृद्धि मजबूत है। वहीं एशियाई विकास बैंक (ADB) और फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स और मॉर्गन स्टेनली ने वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है।


अर्थव्यवस्था

IMF ने चुनावी वर्ष में राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए भारत की सराहना करते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और दुनिया का उज्ज्वल स्थान बनी हुई है। आईएमएफ में एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने बताया कि इस समय, भारत की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। मुद्रास्फीति नीचे आ रही है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मुद्रास्फीति लक्ष्य तक नीचे आए और यह टिकाऊ आधार पर रहे।

राजकोषीय अनुशासन 

उन्होंने कहा कि एक बात मैं कहूंगा कि राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना, विशेष रूप से चुनावी वर्ष में, मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है क्योंकि देश चुनावी वर्ष में राजकोषीय साहसिक कार्य शुरू करते हैं। श्रीनिवासन ने कहा, "मुझे लगता है कि इस सरकार ने एक अनुशासन बनाए रखा है, जो बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दिन के अंत में, ठोस मैक्रो फंडामेंटल ही वह आधार है जिस पर देश समृद्ध होते हैं और टिकाऊ विकास करते हैं। इसलिए इसे बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।"

मुद्रास्फीति

उन्होंने कहा, भारत ने पिछले कई वर्षों में कई झटकों को सफलतापूर्वक झेला है। यह दुनिया की सबसे तेज़ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनकर उभर रही है। मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम हो रही है। यह अब 5 प्रतिशत से नीचे है।"

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