Microsoft आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में इंडिया की मदद करेगी, सत्या नाडेला ने किया ऐलान

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नाडेला ने कहा कि मैं इंडिया के लिए को-पायलट बनना चाहता हूं। इससे इंडिया एआई का फायदा उठा सकता है, अपने एआई प्रोडक्ट्स बना सकता है और दूसरे देशों को उनका एक्सपोर्ट कर सकता है। कोपायलट माइक्रोसॉफ्ट का एआई-आधारित डिजिटल असिस्टेंट है। यह ठीक उसी तरह से है जैसे OpenAI का चैटजीपीटी (ChatGPT) है

अपडेटेड Feb 07, 2024 पर 4:53 PM
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नाडेला ने कहा कि एआई के इस जेनरेशन का फायदा यह है कि इससे लर्निंग आसान हो जाती है।

Microsoft के सीईओ सत्या नाडेला ने कहा है कि उनकी कंपनी इंडिया के लिए 'Copilot' बनना चाहती है। इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फायदा उठाने की दिशा में बढ़ रहा है। कोपायलट माइक्रोसॉफ्ट का एआई-आधारित डिजिटल असिस्टेंट है। यह ठीक उसी तरह से है जैसे OpenAI का चैटजीपीटी (ChatGPT) है। मुंबई में 7 फरवरी को आयोजित माइक्रोसॉफ्ट के प्रोग्राम 'सीईओ कनेक्शन' के दौरान सीएनबीसी-टीवी18 की शिरीन भान को दिए इंटरव्यू में उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मैं इंडिया के लिए को-पायलट बनना चाहता हूं। इससे इंडिया एआई का फायदा उठा सकता है, अपने एआई प्रोडक्ट्स बना सकता है और दूसरे देशों को उनका एक्सपोर्ट कर सकता है।

इंडिया में एआई के इस्तेमाल की व्यापक संभावना

नाडेला 7 फरवरी की सुबह दो दिन की यात्रा पर मुंबई पहुंचे। वह हर साल इंडिया आते हैं। उनकी यात्रा के लिए 2024 की थीम एआई और इससे पैदा होने वाले मौके हैं। उनके 8 फरवरी को बेंगलुरु जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इंडिया में एआई और जेनरेटिव एआई जैसी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की व्यापक संभावनाएं हैं। पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के साथ ही कई तरह इंडस्ट्री में इसका इस्तेमाल हो सकता है।


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माइक्रोसॉफ्ट इंडिया में दो मोर्चों पर निवेश जारी रखेगी

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने कहा कि उनकी कंपनी इंडिया में दो मोर्चों पर निवेश जारी रखेगी। इनमें ह्यूमन कैपिटल के स्रोर्स में रूप में पूरी दुनिया के लिए प्रोडक्ट्स होंगे। इसके अलावा लेटेस्ट और ग्रेटेस्ट इक्विपमेंट होंगे जो इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और सर्विसेज कंपनियों की मदद करेंगे। भारतीय मूल के नाडेला ने कहा कि AI से इकोनॉमिक प्रोडक्टिविटी में बदलाव आ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने एआई जैसी जनरल पर्पस टेक्नोलॉजी नहीं देखी है जिसका इतना व्यापक असर हो सकता है।

रिटेल और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में एआई का ज्यादा इस्तेमाल

उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के साथ ही रिटेल और हेल्थकेयर जैसे फ्रंटलाइन वर्क एरिया में बड़ी ग्रोथ देखने को मिल रही है। एआई का इस्तेमाल शहरों में रहने वाले गांव के लोग भी सेवाओं का फायदा उठाने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया, "यह देखकर मैं चकित रह गया कि कुछ प्रमुख मॉडल वर्क जिस पर हमने काम किया है, उनका इस्तेमाल इंडिया में हो रहा है। इसका इस्तेमाल पब्लिक सेक्टर तक में हो रहा है।"

नई चीजें सीखने में मददगार है एआई

नाडेला ने कहा कि एआई के इस जेनरेशन का फायदा यह है कि इससे लर्निंग आसान हो जाती है। अगर करियर के बीच में किसी की नौकरी चली जाती है तो वह जल्द नए स्किल सीख सकता है। अगर बीता युग 'इंफॉर्मेशन एट योर फिंगरटिप्स' का था तो यह युग एआई का है। आप हेल्थकेयर और रिटेल जैसे सेक्टर में आसानी से एक्सपर्टाइज हासिल कर सकते हैं।

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