Credit Cards

100 डिजिटल कंपनियों में से 75 प्रतिशत कंपनियों का हो सकता है सफाया - रामदेव अग्रवाल

रामदेव अग्रवाल ने कहा कि दुनिया दिन-ब-दिन और अधिक डिजिटल होती जा रही है इसलिए वे भारतीय आईटी क्षेत्र की विकास क्षमता को लेकर उत्साहित हैं

अपडेटेड Apr 14, 2022 पर 10:34 AM
Story continues below Advertisement
रामदेव अग्रवाल ने कहा कि इस सेक्टर को कॉर्पोरेट्स को अपनी सेवाओं के लिए आगे चलकर अधिक भुगतान करना होगा

CNBC-TV18 से बात करते हुए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मार्केट गुरु रामदेव अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल स्पेस में कंसोलिडेशन होगा और चीजें 3 से 4 साल में ठीक हो जाएंगी। वह भारतीय आईटी कंपनियों, जैसे टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो आदि पर आशावादी हैं। उन्हें लगता है कि ये कॉरपोरेट्स डिजिटल होने के लिए और अधिक खर्च कर रहे हैं।

बाजार के दिग्गज रामदेव अग्रवाल का मानना ​​​​है कि डिजिटल स्पेस में कंसोलिडेशन होगा। उनको लगता है कि लगभग 75 प्रतिशत कंपनियां बंद हो जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि जब स्थितियां साफ होंगी तो हर कैटेगरी में दो-तीन बड़ी कंपनियां उभर कर सामने आएंगी।

हालांकि यह सब निराशा और कयामत वाली स्थितियां नहीं है। अग्रवाल भारतीय आईटी क्षेत्र की विकास क्षमता को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि दुनिया दिन-ब-दिन और अधिक डिजिटल होती जा रही है। इसका कारण ये है कि इस सेगमेंट में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है।


अग्रवाल ने कहा "मुझे लगता है कि एक टेक बूम है और वास्तव में इस स्थान के लिए किसी अन्य देश से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। मैं सुन रहा हूं कि 3-5 साल के अनुभव या किसी तकनीक में कुछ विशेषज्ञता वाले लोगों को पैकेज में भारी वृद्धि दी जा रही है।"

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि कॉरपोरेट्स को अपनी सेवाओं के लिए अंततः बहुत अधिक भुगतान करना होगा। भले ही ये सेवाएं भारत से ही उपलब्ध हो रहीं हो। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही इंटरेस्टिंग टाइम है।"

LIC IPO: स्टेक सेल के लिए एंकर इनवेस्टर्स की पहचान हुई, कौन-कौन लिस्ट में शामिल?

TCS और Infosys

रामदेव अग्रवाल ने कहा कि आईटी क्षेत्र की दो सबसे बड़ी कंपनियों के नतीजों पर नजर डालें तो टीसीएस के मामले में नतीजे स्ट्रीट की उम्मीदों खरे उतरे हैं। वहीं दूसरी तरफ इंफोसिस के मामले में नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे हैं।

अग्रवाल ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कमोडिटी की ऊंची कीमतों की वजह से इस तिमाही में सभी क्षेत्रों के मार्जिन में गिरावट नजर आई है।

उन्होंने कहा "हालांकि पूरे निफ्टी के लिए अर्निंग ग्रोथ 23-24 प्रतिशत रही है लेकिन हर क्षेत्र में मार्जिन में गिरावट आ रही है। इसलिए मुझे लगता है कि Q1 यानी कि जून तिमाही में मार्जिन का नुकसान अधिक तीव्र और बहुत अधिक व्यापक होगा।"

 

 

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।