PLI scheme : सरकार मानव निर्मित कपड़ों और टेक्निकल गारमेंट्स के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) के रूप में टेक्सटाइल सेगमेंट के अपैरल सेगमेंट के लिए एक योजना तैयार कर रही है। वाणिज्य और उद्योग और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गोयल ने कोयम्बटूर में एक टेक्सटाइल फेयर के दौरान कहा, मैं अपैरल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को समर्थन देने को उत्सुक हूं और हम एक अन्य पीएलआई स्कीम लाने पर विचार कर रहे हैं। इस संबंध में टेक्सटाइल, डीपीआईआईटी और नीति आयोग के बीच बातचीत जारी है। साथ ही इंडस्ट्री के लोगों के साथ परामर्श चल रहा है। सरकार जल्द ही एक योजना तैयार करेगी, जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
मानव निर्मित कपड़ों पर होगा जोर
सरकार ने मानव निर्मित कपड़ों और टेक्निकल टेक्सटाइल सेगमेंट की वैल्यू चेन को विस्तार देने के लिए पीएलआई योजना शुरू की थी। वैश्विक निर्यात में देश का शेयर वर्षों से घट रहा है।
इस योजना का बजट 10,683 करोड़ रुपये था और टेक्सटाइल मिनिस्ट्री ने विभिन्न कंपनियों के 61 आवेदकों को इसकी मंजूरी दी थी।
इंडस्ट्री लंबे समय से पीएलआई-2 की कर रही है मांग
इंडस्ट्री लंबे समय से पीएलआई स्कीम (PLI scheme) के तहत ज्यादा टेक्सटाइल की ज्यादा कैटेगरीज को शामिल करने की मांग करती रही है। इसके बाद ही मंत्रालय ने योजना के दूसरे एडीशन की योजना को आगे बढ़ाया।
गोयल ने कहा कि कीमतें कम हो रही हैं, इसलिए कॉटन पर इम्पोर्ट ड्यूटी से छूट आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है।
हाल में टेक्सटाइल सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा था कि सरकार इस उद्योग के लिए पीएलआई-2 पर लाने पर विचार कर रही है जिसका मुख्य फोकस गारमेंट्स और अपैरल सैक्टर पर होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक इस योजना के तहत 67 में से 61 आवेदन पर मंजूरी दी है और इसके लिए 19,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है। इस योजना के कारण टेक्सटाइल उद्योग में 2.40 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि पीएलआई-2 लाने पर चर्चा हो रही है जिसमें 4,000 रुपये करोड़ का निवेश संभव है।