केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इंडिगो की फ्लाइट में बड़े पैमाने पर रुकावट की हाई लेवल जांच के आदेश दिए, जिसके चलते देश भर के हवाई अड्डों पर हजारों यात्री फंस गए थे। यह कदम लगातार कैंसिलेशन और देरी के बीच उठाया गया है, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है। जांच शुरू करने का फैसला नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से फ्लाइट ऑपरेशन को स्थिर करने के लिए उठाए गए कई कदमों के बाद लिया गया है।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के जरिए जारी एक बयान में, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने पुष्टि की कि सरकार ने व्यवधान के कारणों की जांच के लिए औपचारिक जांच के आदेश दिए हैं। जांच में यह देखा जाएगा कि इंडिगो के ऑपरेशन में क्या गलत हुआ, किसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों उसके लिए कदम सुझाए जाएंगे।
PIB की रिलीज में कहा गया है, "भारत सरकार ने इस व्यवधान की एक हाई लेवल जांच कराने का निर्णय लिया है। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि इंडिगो में क्या गड़बड़ हुई, जहां भी जरूरी हो, उचित कार्रवाई के लिए जवाबदेही तय की जाएगी, और भविष्य में इस तरह के व्यवधानों को रोकने के उपायों की सिफारिश की जाएगी, ताकि यात्रियों को फिर से ऐसी मुश्किलों का सामना न करना पड़े।"
मंत्रालय के अनुसार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के आदेशों को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। मंत्रालय ने आगे कहा, "हवाई सुरक्षा से समझौता किए बिना, यह निर्णय पूरी तरह से यात्रियों, खासतौर से वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, रोगियों और दूसरे लोगों के हित में लिया गया है, जो जरूरी कामों के लिए समय पर हवाई यात्रा पर निर्भर हैं।"
सरकार ने सामान्य सेवाओं की बहाली में तेजी लाने के लिए कई ऑपरेशनल उपाय भी जारी किए हैं। एयरलाइनों को इन निर्देशों को तुरंत लागू करने को कहा गया है।
रिलीज में कहा गया है, "इन निर्देशों के तत्काल लागू होने के आधार पर, हमें उम्मीद है कि कल तक फ्लाइट शेड्यूल स्थिर और सामान्य हो जाएंगे। हमारा अनुमान है कि अगले तीन दिनों में सेवाएं पूरी तरह से बहाल हो जाएंगी।"