Zerodha cofounder Nikhil Kamath : भले ही भारत का प्रमुख इक्विटी इंडेक्स निफ्टी50 (Nifty50) अपने रिकॉर्ड हाई से 16 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है, फिर भी यह दुनिया के सबसे महंगे स्टॉक मार्केट्स में से एक है। जिरोधा (Zerodha) और ट्रू बेकॉन के कोफाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) ने ट्विटर के जरिये यह बात कही है।
कामत ने कहा, भारत के बारे में कई बातें कही जा सकती हैं, लेकिन एक बात तय है कि हम ऐतिहासिक प्राइस मल्टीपल्स की तुलना में सस्ते बाजार नहीं हैं।
1. इंडेक्स पीई रेश्यो (Index PE ratio)
निफ्टी फिलहाल 19.9 के पीई मल्टीपल (PE multiple) पर ट्रेड कर रहा है, जो एसएंडपी 500 (S&P 500) के 18.95 और निक्केई 225 (Nikkei 225) के 18.79 से ज्यादा है।
इंडेक्स पीई रेश्योर की गणना इंडेक्स मार्केट कैप को ग्रॉस अर्निंग से भाग देकर निकाली जाती है। ऊंचे पीई रेश्यो से एक ज्यादा महंगा बाजार होने के संकेत मिलते हैं। ब्रिटेन, जापान, शंघाई, ब्राजील और जर्मनी जैसे दूसरे बाजारों के मुख्य इंडेक्स ज्यादा सस्ते हैं।
वॉरेन बफे (Warren Buffett) द्वारा शुरू किया गए, बफे इंडिकेटर कुछ नहीं बल्कि मार्केट कैप को देश के जीडीपी से भाग देकर निकाला गया रेश्यो है। ऊंचे बफे इंडिकेटर (Buffett Indicator) से बाजार के ज्यादा महंगे होने का पता चलता है। कामत द्वारा दिए गए डाटा से पता चलता है कि दुनिया के सबसे बड़े बाजार अमेरिका के लिए बफे इंडिकेटर 138.9 फीसदी और जापान के लिए 113 फीसदी है। वहीं, भारत 94 फीसदी के साथ अभी भी उक्त दोनों बाजारों से सस्ता है। हालांकि ब्रिटेन (89 फीसदी), ब्राजील (53 फीसदी), जर्मनी (47.4 फीसदी) और चीन (58.7) की तुलना में भारतीय बाजार महंगा है।
पूर्व में इकोनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कामत ने कहा था, यह वक्त ही बताएगा कि यह मंदी का बाजार है।