Credit Cards

जुलाई में उत्पादन गतिविधियों में दिखा जोश, PMI 56.4 के 8 महीने के हाई पर पहुंचा

आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक इसी हफ्ते होने वाली है। बाजार का अनुमान है कि आरबीआई महंगाई से लड़ने के लिए अपनी इस मीटिंग में रेपो रेट में कम से कम 0.25 फीसद की बढ़ोतरी कर सकता है

अपडेटेड Aug 03, 2022 पर 12:19 PM
Story continues below Advertisement
जुलाई महीने में इनपुट कॉस्ट में भी नरमी आती दिखी है। यह आरबीआई के लिए एक अच्छी खबर है

जुलाई महीने में भारत में मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में सुधार आया है और S&P ग्लोबल का परचेजिंग मैनेंजर इंडेक्स (PMI) 56.4 के 8 महीने के हाई लेवल पर पहुंच गया है। बता दें कि जून महीने में भारत का मैन्यूफैक्चरिंग PMI 53.9 के 9 महीने लो पर था।

गौरतलब है कि PMI की 50 से ऊपर की रीडिंग उत्पादन गतिविधियों में विस्तार का सुचक होता है जबकि 50 से नीचे की रीडिंग उत्पादन गतिविधियों में गिरावट का सूचक होती है। जुलाई महीने में लगातार 13 महीने PMI 50 के लेवल के ऊपर रही है।

S&P Global Market Intelligence की पॉलीयाना डी लीमा (Pollyanna De LimaPollyanna De Lima) का कहना है कि जुलाई महीने में भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज में तेज इकोनॉमी ग्रोथ और कम होती महंगाई का अच्छा मिश्रण देखने को मिला।


उन्होंने आगे कहा कि पिछले नवंबर के बाद देश के उत्पादन में सबसे तेज बढ़त देखने को मिली है। इस अवधि में नए ऑर्डरों की संख्या में भी जोरदार तेजी रही है। जुलाई में नए ऑर्डरों कीसंख्या में अब तक की सबसे बड़ी ग्रोथ देखने को मिली है।

GST Collection जुलाई में 1.49 लाख करोड़ रुपए रहा, लगातार पांचवें महीने 1.4 लाख करोड़ के पार रहा आंकड़ा

जुलाई महीने में इनपुट कॉस्ट में भी नरमी आती दिखी है। यह आरबीआई के लिए एक अच्छी खबर है। हालांकि इनपुट कॉस्ट में बढ़त जारी है लेकिन जुलाई में इसकी बढ़त की दर पिछले 11 महीने के निम्नतम स्तर पर रही है। इसी तरह उत्पादकों द्वारा अपने प्रोडक्ट पर वसूली जाने वाली कीमत भी जुलाई में पिछले 4 महीनों में सबसे कम बढ़ी है।

एसएंडपी ग्लोबल ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि जुलाई महीने में इनपुट प्राइस और आउटपुट चार्ज ये दोनों ही कैपिटल गुड्स में सबसे ज्यादा बढ़ते नजर आए हैं। जबकि इंटरमीडिएट गुड्स सब सेक्टर के इनपुट प्राइस और आउटपुट चार्ज में सबसे कम बढ़त हुई है।

बता दें कि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक इसी हफ्ते होने वाली है। बाजार का अनुमान है कि आरबीआई महंगाई से लड़ने के लिए अपनी इस मीटिंग में रेपो रेट में कम से कम 0.25 फीसद की बढ़ोतरी कर सकता है। बतातें चलें कि जून महीने में रिटेल महंगाई 7.01 फीसदी थी जो आरबीआई के टॉलरेंस लिमिट से काफी ज्यादा है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।