SIR में गलत जानकारी देना इस परिवार को पड़ा भारी, दर्ज हुआ FIR...यूपी में आया पहला मामला

रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्विवेदी के अनुसार, नूरजहां ने जानबूझकर अपने बेटों की गलत जानकारी SIR फॉर्म में भरी और उनके नकली हस्ताक्षर भी किए। जब BLO की तरफ से फॉर्म को डिजिटाइज किया जा रहा था, तब यह गड़बड़ी पकड़ में आई

अपडेटेड Dec 06, 2025 पर 8:22 PM
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बिहार के बाद अब देशभर के तमाम राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR ड्राइव चल रही है।

बिहार के बाद अब देशभर के तमाम राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR ड्राइव चल रही है। ये एक वोटर लिस्ट रिवीजन है, जिसमें उन लोगों के नाम हटाए जाएंगे, जो कई राज्यों में वोट करते हैं या फिर भारत के नागरिक ही नहीं हैं। वहीं स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन ड्राइव के दौरानउत्तर प्रदेश में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है। यहां वोटर लिस्ट अपडेट के दौरान स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) फॉर्म में गलत जानकारी देने पर एक परिवार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

SIR में गलत जानकारी देना इस परिवार को पड़ा भारी

यह FIR रामपुर में एक सुपरवाइजर की शिकायत पर दर्ज की गई है और इसमें BNS एक्ट व रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट की धारा 31 लगाई गई है। मामला रामपुर की नूरजहां और उनके दो बेटों—आमिर खान और दानिश खान से जुड़ा है, जो कई सालों से दुबई और कुवैत में रह रहे हैं। रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्विवेदी के अनुसार, नूरजहां ने जानबूझकर अपने बेटों की गलत जानकारी SIR फॉर्म में भरी और उनके नकली हस्ताक्षर भी किए। जब BLO की तरफ से फॉर्म को डिजिटाइज किया जा रहा था, तब यह गड़बड़ी पकड़ में आई।


वहीं इस मामले में DM अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि जिले में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पूरी गंभीरता और पूरी पारदर्शिता के साथ, चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी साफ कहा कि गलत जानकारी देना या कोई तथ्य छिपाना चुनावी नियमों का गंभीर उल्लंघन है।

अधिकारियों ने कुछ जरूरी बातें स्पष्ट की हैं

  • वोटर अपना फॉर्म सिर्फ अपने वास्तविक पते से ही जमा करें।
  • गलत जानकारी देना, तथ्य छिपाना या दोहरी एंट्री करना—इन सब पर ECI नियमों के तहत सज़ा का प्रावधान है।
  • अगर कोई ऐसे फॉर्म जमा करते हुए पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। हालांकि, BLO से संपर्क करके गलती सुधरवाई जा सकती है।
  • यह FIR उन सभी लोगों के लिए सख्त चेतावनी है जो वोटर लिस्ट में हेरफेर करने की कोशिश करते हैं। साथ ही यह दिखाता है कि प्रशासन चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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