RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने महंगाई के बारे में कही यह चौंकाने वाली बात

रघुराम राजन ने यह भी कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) को महंगाई को काबू में करने के लिए और कदम उठाने होंगे। अमेरिका में मई के इनफ्लेशन के आंकड़े आने के बाद राजन की बात की अहमियत बढ़ जाती है

अपडेटेड Jun 11, 2022 पर 2:19 PM
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रघुराम राजन को ग्लोबल इकोनॉमी और फाइनेंशियल मार्केट की गहरी समझ है। 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस का संकेत उन्होंने पहले ही दे दिया था।

RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने महंगाई को लेकर चौंकाने वाली बात कही है। अमेरिका और इंडिया सहित दुनिया के कई बड़े देशों में बढ़ती महंगाई के चलते लोग परेशान हैं। उनका बजट बिगड़ गया है। लोग कई जरूरी खर्चों में कमी कर रहे हैं। अब रघुराम राजन ने कहा है कि अभी महंगाई और बढ़ेगी। उनका मतलब है कि इनफ्लेशन अभी पीक पर नहीं पहुंचा है।

रघुराम राजन ने यह भी कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) को महंगाई को काबू में करने के लिए और कदम उठाने होंगे। अमेरिका में मई के इनफ्लेशन के आंकड़े आने के बाद राजन की बात की अहमियत बढ़ जाती है। अमेरिका में शुक्रवार को इनफ्लेशन के मई के डेटा आए। मई में यह 8.6 फीसदी पहुंच गया है। अप्रैल में यह 8.3 फीसदी था।

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राजन ने CNBC के साथ इंटरव्यू में इकोनॉमी, इनफ्लेशन सहित कई मसलों पर बात की। उन्होंने रिसेशन के बारे में भी अपना नजरिया रखा। उन्होंने कहा कि हाल में क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल का कुछ असर पड़ना बाकी है। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल मार्केट में गिरावट आई है। इसमें आर गिरावट दिख सकती है। उन्होंने कहा कि कंपनियों के एंप्लॉयीज की छंटनी करने के मामले बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अभी ऐसा लगता है कि हम मंदी में जाने से बच सकते हैं। लेकिन, अगले साल किसी समय हल्की मंदी की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। इसलिए फेडरल रिजर्व को बड़े कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इनफ्लेशन 8 फीसदी पहुंच जाने पर ECB के पास ज्यादा ऑप्शन नहीं बचा है। यूरो में कमजोरी की वजह से इंपोर्टेड इनफ्लेशन का खतरा है। समय रहते ECB को कदम उठाने होंगे।

रघुराम राजन को ग्लोबल इकोनॉमी और फाइनेंशियल मार्केट की गहरी समझ है। 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस का संकेत उन्होंने पहले ही दे दिया था। इंडिया में RBI का गवर्नर रहने के दौरान उन्होंने बैंकों के डूबे कर्ज की समस्या से पर्दा हटाया था। अभी वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर हैं।

इंडिया में भी इनफ्लेशन ने RBI और सरकार की मुश्किलें बढ़ाई हैं। RBI लगातार दो महीने रेपो रेट बढ़ा चुका है। उसके महंगाई को बढ़ने से रोकने के लिए ऐसा किया है। लेकिन, इससे कर्ज महंगा होने से इकोनॉमी ग्रोथ पर असर पड़ सकता है।

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