LIC के बाद अब IndiaFirst Life Insurance ने IPO की तैयारी शुरू कर दी है। इंडियाफर्स्ट लाइफ में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबर्ग पिनकस की हिस्सेदारी है। इंडियाफर्स्ट लाइफ ने इनवेस्टमेंट बैंकों से बातचीत शुरू कर दी है। अंग्रेजी बिजनेस न्यूज वेबसाइट मिंट ने यह खबर दी है।
हालांकि, शेयर बाजार में बीमा कंपनी की लिस्टिंग के लिए यह समय अनुकूल नहीं है। LIC के शेयर पिछले महीने बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हुए थे। तब से इसमें लगातार गिरावट आ रही है। इसलिए इस आईपीओ में पैसा लगाने वाले इनवेस्टर्स को बहुत लॉस हुआ है।
IndiaFirst Life में बैंक ऑफ बड़ौदा की 65 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की 9 फीसदी हिस्सेदारी है। वारबर्ग पिनकस से जुड़ी कंपनी कारमल प्वॉइंट इनवेस्टमेंट्स की इसमें 26 फीसदी हिस्सेदारी है।
एक सूत्र ने बताया, "इंडियाफर्स्ट लाइफ की पिछले दो महीने से इनवेस्टमेंट बैंकों से बातचीत हो रही है। इस आईपीओ का प्रबंधन हासिल करने की दौड़ में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल और जेएम फाइनेंशियल सहित कुछ इनवेस्टमेंट बैंक शामिल हैं।"
एक दूसरे सूत्र ने बताया कि इंडियाफर्स्ट लाइफ का आईपीओ पूरी तरह से Offer for Sale (OFS) हो सकता है। इसका मतलब है कि इस इश्यू के जरिए इस जीवन बीमा कंपनी के प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।
सूत्र ने यह भी बताया कि इस आईपीओ में बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं। वारबर्ग पिनकस ने 2019 में इस बीमा कंपनी में 26 फीसदी हिस्सेदारी ली थी। इसलिए उसक हिस्सेदारी बेचने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, वह अपनी थोड़ी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर सकती है।
IndiaFirst Life का आईपीओ 2,000 करोड़ रुपये का हो सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनी के कितने प्रमोटर्स अपनी कितनी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं। लिस्ट होने के बाद इंडियाफर्स्ट शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने वाली नौवीं बीमा कंपनी बन जाएगी।
अभी LIC के अलावा ICICI Prudential Life Insurance, HDFC Life Insurance और SBI Life Insurance शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। इनके अलावा जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ICICI Lombard General Insurance और Star Health भी शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं।