RBI MPC Meet Highlights: नए वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की पहली बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है। यह लगतार सातवीं बार है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है। RBI की 6 सदस्यों वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी में 5-1 के अनुपात में रेपो रेट में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया गया है। यानि 6 में से 5 लोगों ने रेपो रेट में बदलाव ना करने और एक ने बदलाव करने का समर्थन किया था।महंगाई दर और इकोनॉमिक गतिविधियों में स्थिरता को देखते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत की अगुवाई में कमिटी ने यह फैसला किया है।
आरबीआई की एमपीसी की बैठक हर दो महीने पर होती है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली आरबीआई एमपीसी बैठक 3 अप्रैल को शुरू हो गई है। यह बैठक 3 दिन बाद यानी आज 5 अप्रैल को खत्म हो जाएगी। इस बैठक में कई अहम फैसले आ सकते हैं। इस बार भी रेपो रेट में बदलाव के आसार बेहद कम नजर आ रहे हैं। इससे पहले पिछले वित्त वर्ष के दौरान रेपो रेट में एक बार भी बदलाव नहीं हुआ था। रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर यानी रेपो रेट में आखिरी बार फरवरी 2023 में बदलाव किया था। उस समय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था। इसके बाद से रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर है।
रिजर्व बैंक आज की मॉनेटरी पॉलिसी में भी रेपो रेट को पहले के लेवल पर बनाए रख सकता है। मनीकंट्रोल ने इस मामले में एक पोल किया है। और इस पोल के नतीजों में यही निकल कर आया है। पोल में शामिल 21 इकोनॉमिस्ट, बैंकर्स और फंड मैनेजर्स को शामिल किया गया था। इनमें शामिल ज्यादातर पार्टिसिपेंट्स का कहना था कि महंगाई में ज्यादा उतार-चढ़ाव ना होने और आर्थिक गतविधियों में स्थिरता के कारण रिजर्व बैंक यह कदम उठा सकता है।
अपनी फरवरी की मौद्रिक नीति में, केंद्रीय बैंक ने लगातार छठी बार रेपो दर को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखना था। इसमें कोी बदलाव नहीं किया गया था। RBI ने अप्रैल 2023 की मौद्रिक नीति के बाद से रेपो रेट मेंं कोई बदलाव नहीं किया। इस बार भी उम्मीद जताई जा रही है कि मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं होगा।