Rupee Settlement : भारत के केंद्रीय बैंक के आयातकों को रुपये में भुगतान करने और निर्यातकों को रुपये में भुगतान लेने की अनुमति देने के फैसले से रूस और दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों के साथ व्यापार आसान होने की संभावना है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट्स ने कहा कि इससे भारतीय करेंसी के अंतर्राष्ट्रीयकरण के दीर्घकालिक लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
सोमवार को रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि उसने तत्काल प्रभाव से भारतीय रुपये (INR) में अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड सेटलमेंट्स के लिए एक मैकेनिज्म लागू कर दिया है।
आरबीआई ने कहा, “भारत से निर्यात पर जोर के साथ वैश्विक व्यापार में बढ़ोतरी को प्रोत्साहन और भारतीय रुपये में वैश्विक ट्रेडिंग कम्युनिटी की बढ़ती दिलचस्पी को समर्थन देने के क्रम में, भारतीय रुपये में निर्यात/ आयात की इनवॉयसिंग, पेमेंट और सेटलमेंट की अतिरिक्त व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया गया है।”
पड़ोसी देशों से व्यापार में होगा फायदा
बार्कलेज के चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट राहुल बैजोरिया ने कहा, “यह कदम विशेष रूप से पड़ोसी देशों और ऐसे देशों के मामले में उपयोगी हो सकता है, जो अपने सेटलमेंट नियमों में व्यापार विविधता के लिए बेस करेंसी के रूप में रुपये के उपयोग के इच्छुक हैं।”
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि नया मैकेनिज्म “ईरान और रूस जैसे प्रतिबंधों की मार का सामना कर रहे देशों के साथ व्यापार को आसान बनाएगा।”
यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर प्रतिबंध लगने के बाद भारत और रूस के बीच व्यापार काफी हद तक ठप हो गया है।
इस अकाउंट का इस्तेमाल कर सकेंगे आयातक और निर्यातक
नए कदमों से भारतीय निर्यातकों और आयातकों के लिए रुपये में ट्रेड को सेटल करने के लिए रुपी वोस्ट्रो अकाउंट्स (Rupee Vostro Accounts) के इस्तेमाल की अनुमति मिलेगी। साथ ही बैंकों को इस सेटलमेंट सिस्टम के इस्तेमाल के लिए आरबीआई से अनुमति लेनी होगी।
श्री देसाई ने कहा कि इससे आयातकों और निर्यातकों के लिए करेंसी में उतार-चढ़ाव का जोखिम कम होगा। उन्होंने कहा, “हम इसे रुपये की 100 फीसदी परिवर्तनीयता की दिशा में पहले कदम के रूप में देखते हैं।”