Russian crude Oil : भारत ने रूस से सस्ते क्रूड ऑयल की खरीद करके हजारों करोड़ रुपये की बचत की है। साथ ही, उसने ऐसे दौर में डॉलर के आउटफ्लो के मामले में बचत की है, जब स्थानीय करेंसी कमजोर हो चुकी है। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर जिओपॉलिटिकल प्रेशर (geopolitical pressure) बढ़ने के बावजूद, भारत ने साफ कर दिया कि वह अपनी एनर्जी की जरूरतों को प्राथमिकता देगा और रूस से तेल खरीदता रहेगा। भारत ने अनुमानित रूप से इस साल फरवरी से अभी तक रूस से सस्ते क्रूड के आयात के जरिये 35,000 करोड़ रुपये की बचत की है।
भारत-चीन बन गए सबसे बड़े खरीदार
रूस ने यूक्रेन युद्ध के बाद लगे प्रतिबंधों को देखते हुए अपने सबसे बड़े मार्केट यूरोप के बाद अपने पारम्परिक मार्केट एशिया में तेल की सप्लाई बढ़ानी शुरू कर दी थी। रूस से मिल रहे सस्ते तेल के ऑफर का फायदा उठाते हुए भारत और चीन रूसी तेल (Russian oil) के सबसे बड़े खरीदार बन गए हैं।
क्रिसिल (Crisil) के डायरेक्टर-रिसर्च हेतल गांधी (Hetal Gandhi) ने कहा, “बीते वित्त वर्ष में, रूस की भारत की ऑयल इम्पोर्ट बास्केट (oil import basket) यानी तेल के आयात में सिर्फ 2 फीसदी हिस्सेदारी थी। वहीं, वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही के दौरान कुल 2 करोड़ टन आयात में रूस की हिस्सेदारी 16 फीसदी थी, जो 32 लाख टन के बराबर है।”
भारत के लिए रूस बना सबसे बड़ा सप्लायर
वॉर्टेक्सा (Vortexa) के मार्केट एनालिटिक्स डेटा के मुताबिक, रूस लगातार दूसरे महीने नवंबर में भारत के लिए तेल का सबसे बड़ा सप्लायर बना रहा। भारत ने नवंबर में रूस से प्रति दिन 9,09,400 बैरल प्रति दिन तेल खरीदा।
Refinitiv और ट्रेडर्स से मिले डाटा के आधार पर रॉयटर्स की गणना से पता चलता है कि नवंबर में, भारत ने समुद्र के जरिये सप्लाई होने वाले लगभग रशियन यूरल्स ऑयल (Russian Urals oil) की खरीद की, जो किसी अन्य देश से ज्यादा है। जून में रूस से तेल की सप्लाई उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। इसके बाद, इसमें धीरे-धीरे कमी आई है।
भले ही पश्चिमी देश भारत से रूसी तेल पर प्राइस कैप लगाने में उसके साथ आ सकता है, लेकिन मॉस्को भारत को डिस्काउंट की पेशकश कर रहा है। मई में भारत ने 16 डॉलर प्रति बैरल डिस्काउंट पर तेल खरीदा। जून में यह डिस्काउंट घटकर 14 डॉलर, जुलाई में 12 डॉलर अगस्त में घटकर 6 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
जी7 देशों द्वारा लगाए प्राइस कैप की सफलता के लिए भारत और चीन का सीलिंग को मानना अहम है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) कई अवसरों पर कहा है कि भारत रूसी तेल पर प्राइस कैप की संभावनाओं पर विचार करेगा और देश के हित को ध्यान में रखते हुए प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने कहा, अपने कंज्यूमर्स को एनर्जी की सप्लाई सुनिश्चित करना सरकार की ड्यूटी है।
HDFC Securities के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने पुरी का उल्लेख करते हुए कहा, सरकार ने साफ कर दिया है कि वह जहां से चाहे तेल खरीदेगी। यह स्पष्ट संदेश है कि देश सप्लाई को लेकर चिंतित नहीं है।