Vivo Directors : क्या वीवो के डायरेक्टर्स झेंगशेन ओउ (Zhengshen Ou) और झांग जेई (Zhang Jie) भारत से फरार हो गए हैं? जी हां, इन दिनों ऐसी खबर सुर्खियों में हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने इन दिनों चायनीज कंपनी Vivo के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के मामले में जांच तेज कर दी है। इससे उद्योग जगत में ऐसी ही चर्चाएं हो रही हैं।
देश भर में 40 परिसरों पर हुई छापेमारी
Enforcement Directorate ने हाल में Vivo Communication के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जारी एक जांच में चायनीज कंपनी और उससे जुड़ी कंपनियों के देश भर में स्थित 40 परिसरों पर मंगलवार, 5 जुलाई को छापेमारी की थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के सेक्शंस के तहत यह छापेमारी की थी। सीबीआई पहले ही वीवो के खिलाफ लगे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में एक जांच कर रही है।
ये छापे वीवो मोबाइल कम्युनिकेशंस और कुछ अन्य चायनीज कंपनियों से संबंधित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य दक्षिणी राज्यों में स्थित ठिकानों पर मारे गए थे।
भारत में आयकर विभाग के साथ-साथ कारपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) भी चीन की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर नजर बनाए हुए हैं। चायनीज कंपनियों के खिलाफ पहले से जारी जांच में ईडी ने यह छापेमारी की है।
अप्रैल में शुरू हुई थी जांच
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि चीन बेस्ड कंपनियों के खिलाफ जारी जांच के तहत कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए वीवो मोबाइल कम्युनिकेशंस (Vivo Mobile Communications) की स्थानीय यूनिट रडार पर है।
वीवो के मामले में इस साल अप्रैल में जांच शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या ओनरशिप और फाइनेंशियल्स की जानकारी देने में अनियमितताएं की गई थीं।
चीन ने बुधवार को उम्मीद जाहिर की कि भारत कानून और नियमों के तहत चीन की मोबाइ मैन्युफैक्चरर वीवो के मामले में जांच पूरी करेगा और चीन की कंपनियों को उचित और गैर भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल उपलब्ध कराएगा।